बीजापुर - छत्तीसगढ़ - तेलंगाना की सीमाओं पर दशकों से खून-खराबे और भय का माहौल बनने वाले माओवादियों ने अब खुद को बदलने का फैसला कर लिया है। नक्सल विरोधी अभियानों की बढ़ती दबिश, कर्रेगुट्टा जैसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में हो रही मुठभेड़ों और सरकार की आकर्षक पुनर्वास योजनाओं के चलते नक्सली संगठन की पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है।
इसी कड़ी में तेलंगाना के भद्राद्री कोत्तागुडेम जिले में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के 9 महिला नक्सलियों सहित 38 सक्रिय माओवादी सदस्यों ने जिला पुलिस अधीक्षक रोहित राजू के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में हार्डकोर कैडर और लंबे समय से संगठन में सक्रिय माओवादी शामिल हैं।
कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में मुठभेड़ का खौफ, हथियार छोड़ने को मजबूर हुए माओवादी
बीते दिनों कर्रेगुट्टा के घने जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे बड़े ऑपरेशन में कई माओवादी ढेर हुए। लगातार हो रही मुठभेड़ों, इलाके में बढ़ते सुरक्षा दबाव और सुरक्षाबलों की सख्ती से माओवादियों के हौसले पस्त हो चुके हैं। इसी डर और दहशत के माहौल में बड़ी संख्या में माओवादियों ने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना है।
अमपुरम और रसापल्ली के युवा-युवतियों ने थामा शांति का दामन
आत्मसमर्पित सभी माओवादी बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र के अमपुरम और रसापल्ली गांव के निवासी हैं। इनमें 23 नक्सली अमपुरम और 15 नक्सली रसापल्ली गांव से ताल्लुक रखते हैं। ये सभी वर्षों से संगठन के पार्टी सदस्य (02), मिलिशिया सदस्य (16), वीसीएम (07), केएएमएस (06), सीएनएम (03), जीआरडीएस (04) में सक्रिय थे।
महिला नक्सलियों की बड़ी भागीदारी, आतंक की दुनिया से विदाई
इस आत्मसमर्पण में 9 महिला नक्सली भी शामिल हैं, जो माओवादी संगठन की महिला शाखा (KAMS), सांस्कृतिक इकाई (CNM) और मिलिशिया यूनिट में सक्रिय थीं। अब इन महिलाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जीने का फैसला लिया है।
आत्मसमर्पण करने वालों को तेलंगाना सरकार की ओर से तुरंत नकद सहायता, रोजगार, आवास और बच्चों की शिक्षा सहित कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। पुनर्वास पैकेज के तहत ये सभी अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर शांतिपूर्ण और सुरक्षित जीवन बिता सकेंगे।
तेलंगाना पुलिस के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक 265 माओवादी सदस्य आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो सरकार की नीतियों की सफलता और नक्सलियों के भीतर बढ़ते भय का प्रमाण है।
