छत्तीसगढ़-तेलंगाना सरहद पर फिर खूनी हमला, कर्रेगुट्टा ऑपरेशन के बीच माओवादियों ने बरपाया कहर
बीजापुर - कर्रेगुट्टा में नक्सल ऑपरेशन के 17वें दिन माओवादियों ने एक बार फिर कायराना हरकत को अंजाम दिया। तेलंगाना सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम जब बीजापुर की सीमा से लगे वाजेडु के तेनगोल जंगलों में सर्च ऑपरेशन पर निकली थी, तभी पूर्व-नियोजित IED ब्लास्ट किया गया इस हमले में तेलंगाना सुरक्षा बलों के तीन ग्रेहाउंड जवान श्रीधर, संदीप और पवन शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान रणधीर गंभीर रूप से घायल हुआ।
IED के बाद मुठभेड़, 8 नक्सली मारे गए
हमले के तत्काल बाद CRPF, कोबरा, DRG और STF की संयुक्त टीम ने इलाके को घेरते हुए जवाबी कार्रवाई शुरू की। प्रारंभिक मुठभेड़ में 8 माओवादी ढेर किए गए, जिनमें कुख्यात CC सदस्य चंद्रन्ना और SZCM बंडी प्रकाश जैसे शीर्ष कमांडर भी मारे गए हैं।
शांति वार्ता या छलावा? सवालों के घेरे में माओवादी मंशा
हमले से कुछ दिन पहले तेलंगाना की शांति वार्ता समिति ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात कर ऑपरेशन को रोकने की मांग की थी। माओवादी संगठन की ओर से प्रवक्ता अभय ने बिना शर्त वार्ता की पेशकश भी की थी। लेकिन इस हमले ने उनकी मंशा को कठघरे में खड़ा कर दिया है। |
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा पहले ही इन प्रयासों को नक्सल समर्थक एजेंडा बता चुके हैं। अब यह हमला उनकी चेतावनी को और ठोस आधार देता दिख रहा है।
जवानों की शहादत और प्रशासन की सतर्कता
हमले में शहीद हुए तीन जवानों के पार्थिक शरीर को वारंगल के एमजीएम अस्पताल में लाया गया है, जहां डीजीपी जितेंद्र और डीजी ग्रेहाउंड्स स्टीफन रविंद्र स्वयं पोस्टमार्टम प्रक्रिया की निगरानी के लिए पहुंचे। गंभीर रूप से घायल RSI रणधीर को बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद के एआईजी अस्पताल में रेफर किया गया है।
इस हमले ने एक बार फिर दिखा दिया है कि माओवादी हिंसा के जरिए लोकतंत्र को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
