सुकमा - छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी को सुकमा जिले का पहला नक्सल मुक्त ग्राम घोषित किया गया है। यह उपलब्धि "छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण / पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025" के तहत चलाई जा रही "नक्सली इलवद पंचायत योजना" के अंतर्गत दर्ज की गई है।
इस योजना के तहत ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी के कुल 11 सक्रिय नक्सलियों ने सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में 3 पुरुष और 1 महिला नक्सली पर 2-2 लाख रुपये तथा 1 पुरुष नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस प्रकार कुल 8 लाख 50 हजार रुपये के इनामी नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट आए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की पहल और योजनाओं का असर
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू की गई पुनर्वास नीति के अनुसार, नक्सल प्रभावित पंचायत के पूरी तरह नक्सल मुक्त होने पर 1 करोड़ रुपये की विकास प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि, वस्त्र एवं अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
"नियद नेल्ला नार" अभियान तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार स्थापित हो रहे पुलिस कैंपों के कारण नक्सलियों में शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। साथ ही नक्सली संगठनों की अमानवीय सोच, शोषण, बाहरी नेतृत्व द्वारा भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा से आहत होकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में माड़वी लक्ष्मण (2 लाख) डीएकेएमएस अध्यक्ष, दूधी दुला (2 लाख) मिलिषिया कमाण्डर, कलमू हिड़मा (2 लाख) सीएनएम अध्यक्ष, रव्वा बीड़े (2 लाख) महिला नक्सली, नुप्पो पोज्जे (50 हजार) सीएनएम सदस्य और अन्य 6 सदस्य विभिन्न पदों पर कार्यरत, कई गंभीर मामलों में वांछित थे।
प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ आत्मसमर्पण
18 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सुकमा में श्री किरण चव्हाण पुलिस अधीक्षक, श्री उमेश प्रसाद गुप्ता अति. पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स), श्री परमेश्वर तिलकवार एसडीओपी, एवं श्री मनीष रात्रे उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स) की उपस्थिति में सभी 11 नक्सलियों ने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
इस आत्मसमर्पण अभियान को सफल बनाने में जिला बल एवं डीआरजी सुकमा की विशेष भूमिका रही। उनके निरंतर प्रयासों, क्षेत्र में बढ़ते पुलिस प्रभाव और ग्रामीणों के सहयोग ने यह मील का पत्थर हासिल किया।
बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत का नक्सल मुक्त होना न केवल सुकमा जिले के लिए गौरव की बात है, बल्कि यह पूरे बस्तर संभाग के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बनकर उभरा है। शासन की दृढ़ इच्छाशक्ति, सुरक्षाबलों की तत्परता और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह सफलता संभव हुई है।
