नवजात शिशु का जाति प्रमाण पत्र, जिला प्रशासन की अभिनव पहल से ग्रामीणों को मिल रहा लाभ

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बीजापुर - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन और "सुरक्षा, विकास और विश्वास" की अवधारणा को साकार करते हुए बीजापुर जिला प्रशासन द्वारा नियद नेल्लानार योजना के तहत एक अनूठी पहल की गई है। अब नवजात शिशुओं का जाति प्रमाण पत्र उनके जन्म के तुरंत बाद जारी किया जा रहा है।


जिला कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के दिशा-निर्देशन में यह अभिनव पहल शुरू की गई है, जहां राजस्व विभाग द्वारा जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं का स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। यह पहल सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है।


नियद नेल्लानार योजना के तहत, पालनार गांव के पायकू लेकाम के नवजात शिशु किस्मत लेकाम का जाति प्रमाण पत्र तैयार कर, एसडीएम श्री जागेश्वर कौशल ने स्वयं पालनार गांव पहुंचकर उनके पालक को यह प्रमाण पत्र सौंपा। इस पहल से पायकू लेकाम बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें दस्तावेज बनवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।


पालनार और उसके आसपास के मुतवेंडी व कांवड़गांव जैसे सुदूर क्षेत्रों में अब जाति, निवास, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और बैंक पासबुक जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। इससे ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ उठाने में सहूलियत हो रही है।


पालनार में आयोजित जनसुविधा शिविर में जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया। शिविर में डिप्टी कलेक्टर श्री उत्तम सिंह पंचारी और जिला शिक्षा अधिकारी श्री लखनलाल धनेलिया भी उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री के सुशासन का असर बीजापुर के अंदरूनी क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सुरक्षा कैंप के पांच किलोमीटर परिधि में विकास कार्यों की गति बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह पहल न केवल प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन को भी सरल बना रही है। जिला प्रशासन की यह पहल ग्रामीणों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।



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