बीजापुर - छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पंचायत तिमेंड़, जो इंद्रावती नदी किनारे बसा हुआ है, वहां कल शाम करीब 5 बजे तेज हवा और बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में ग्राम तिमेंड़, भट्पल्ली, रामपुरम और ओडागुड़म के कई घरों की छतों को तेज हवा के झोंकों ने उड़ा दिया।
इस हादसे में ग्राम तिमेंड़ निवासी राजेश्वरी समुद्रला के घर की छत गिर गई, जिससे उन्हें नाक पर गहरी चोटें आईं। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व जनपद उपाध्यक्ष एवं ग्राम पटेल टी. गोवर्धन राव ने तत्परता दिखाते हुए घायल महिला को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोपालपटनम भिजवाया।
आश्रित गांवों में मकान और सार्वजानिक भवन क्षतिग्रस्त
प्राकृतिक आपदा से तिमेंड़ पंचायत के आश्रित गांवों में व्यापक नुकसान हुआ है। ग्राम भट्पल्ली में 5 घर, तिमेंड़ में 39 घर और 2 देवगुड़ी, ओडागुड़म में 2 घर, रामपुरम में 4 घर, एक शासकीय भवन और एक चर्च भी इस हादसे की चपेट में आ गए हैं। ग्रामीणों के आशियाने उजड़ने से लोग खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं।
प्रशासन हरकत में, पटवारी दल कर रहा स्थिति का आंकलन
पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष एवं ग्राम पटेल टी. गोवर्धन राव, सरपंच श्रीमती वासम लक्ष्मी, उपसरपंच रायपुर महेश और समस्त वार्ड पंच कल शाम से ही लगातार प्रभावित घरों का दौरा कर रहे हैं। आज पटवारी दल के साथ मिलकर जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए प्रयासरत हैं।
ग्रामीणों को राहत की दरकार
प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र राहत और मुआवजे की मांग की है ताकि वे फिर से अपने घरों का पुनर्निर्माण कर सकें। तेज हवा और बारिश के कारण हुई इस त्रासदी ने गांव के लोगों को संकट में डाल दिया है। अब सभी की निगाहें प्रशासनिक सहायता और पुनर्वास कार्यों पर टिकी हुई हैं।
तिमेंड़ पंचायत में आई इस प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि हालात को सामान्य करने में जुटे हैं, लेकिन प्रभावित लोगों को त्वरित राहत की आवश्यकता है।
