स्वामी आत्मानंद स्कूल में पदोन्नत शिक्षकों का सम्मान, बच्चों ने दी भावभीनी विदाई

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पदोन्नति पर गगन, राजन्ना और कश्यप बने प्राचार्य, लम्बाड़ी का हुआ तबादला


बीजापुर - स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम विद्यालय में शुक्रवार को भावनाओं से भरा विदाई व सम्मान समारोह आयोजित हुआ। संस्था के तीन शिक्षकों के पदोन्नति एवं एक शिक्षक की स्थानांतरण पर विद्यार्थियों और स्टाफ ने उन्हें यादगार तरीके से विदाई दी। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुई। लगभग 350 छात्र-छात्राएं और सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं इस मौके पर उपस्थित रहे। पूरे वातावरण में खुशी और भावुकता का अद्भुत संगम दिखाई दिया।

पदोन्नति से मिली नई जिम्मेदारी

श्रीमती गगन पामभोई ने वर्ष 1998 से राजनीति शास्त्र की व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएं दीं। शिक्षा के प्रति समर्पण और अनुशासन प्रियता के चलते उन्हें पदोन्नत कर स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम गर्ल्स स्कूल भोपालपटनम का प्राचार्य बनाया गया।

बच्चों के प्रिय गुरु रहे 2002 से रसायन शास्त्र पढ़ाने वाले श्री राजन्ना एटटी स्थानीय होने के कारण बच्चों से गहरा जुड़ाव रखते थे। वे एनसीसी ऑफिसर के रूप में बच्चों को अनुशासन व देशभक्ति का पाठ पढ़ाते रहे। उन्हें स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल सकनापल्ली का प्राचार्य बनाया गया।

हिंदी के व्याख्याता श्री देवी सिंह कश्यप 2003 से संस्था में कार्यरत थे। अपनी मिलनसार और सहज स्वभाव के कारण वे सभी के प्रिय रहे। अब वे स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम चेरपल्ली के प्राचार्य पद का दायित्व संभालेंगे।

गणित-भौतिकी में निपुण लम्बाड़ी का स्थानांतरण

सहायक शिक्षक श्री ओमप्रकाश लम्बाड़ी का युक्तियुक्तकरण के तहत भैरमगढ़ ब्लॉक के मंगलनार स्कूल में स्थानांतरण हुआ। गणित और भौतिकी विषय में उनकी गहरी पकड़ से बच्चों ने हमेशा लाभ पाया। विदाई के दौरान कई छात्र-छात्राओं की आंखें नम हो गईं। नए दायित्व मिलने की खुशी जहां शिक्षकों के चेहरे पर झलक रही थी, वहीं संस्था और बच्चों से दूर होने का दर्द भी साफ दिखाई दिया।

सभी शिक्षकों ने अपने उद्बोधन में कठिन परिश्रम, अनुशासन और माता-पिता के आशीर्वाद को सफलता की कुंजी बताया। नए दायित्व मिलने की खुशी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी, लेकिन छात्रों व स्टाफ से बिछड़ने का दर्द भी नजर आया।

समारोह के अंत में प्राचार्य एन. राजेश ने सभी पदोन्नत प्राचार्यों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें शिक्षा की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संदेश दिया। स्टाफ की ओर से उन्हें श्रीफल, साल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार चिन्तुर ने किया। आयोजन को सफल बनाने में ए. नागेश्वर राव, श्रीमती गौरुबाई कावटी, जी. श्वेता, श्रीमती मरियम एक्का, राकेश केतारप और पवन देवांगन का विशेष योगदान रहा।


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