24 शिक्षकों को शिक्षादूत, ज्ञानदीप और उत्कृष्ट शिक्षक अलंकरण से किया गया सम्मानित

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शिक्षकों की मेहनत और प्रेरणा से ही देश और समाज का निर्माण होता है - संबित मिश्रा


बीजापुर - ज्ञान, संस्कार और मूल्य इन तीन स्तंभों पर टिका है समाज का आधार और इन स्तंभों को मजबूती देने का काम करते हैं हमारे शिक्षक। शिक्षक दिवस के अवसर पर बीजापुर जिले में आयोजित मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह में यही भाव हर ओर झलकता नजर आया। कन्या पोटा केबिन ऑडिटोरियम में हुए इस गरिमामय आयोजन में 24 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जब इन शिक्षकों को मंच पर बुलाया गया तो पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

समारोह में कलेक्टर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा "शिक्षक केवल किताबें नहीं पढ़ाते, वे भविष्य गढ़ते हैं। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में उनकी भूमिका अतुलनीय है। आज जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया है, वे हमारे समाज की असली धरोहर हैं।"

समारोह का एक विशेष आकर्षण रहा 25 सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान। उन्हें शाल और श्रीफल अर्पित कर समाज के प्रति उनके योगदान को नमन किया गया। समारोह में वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा सेवा केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज के उत्थान की तपस्या है।

गौरव का पल, पुरस्कार प्राप्त शिक्षक

शिक्षादूत सम्मान - आत्माराम कुंजाम, राजेंद्र ठाकुर, नमिता झाड़ी (बीजापुर ब्लॉक), होतीलाल धानका, कमलेश शोरी, सीमा वर्मा (भैरमगढ़ ब्लॉक), जमुना संगम, दिलीप तेलम, काका गणपत (उसूर ब्लॉक), निरोजा कन्नूर, समैया गुरला, कुमार श्रीशैलम (भोपालपटनम ब्लॉक)

ज्ञानदीप सम्मान - वीरेंद्र देवांगन, केदारनाथ देशमुख, अनिल कुमार जाटव

उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान - गायत्री राणा, प्रमिला मोरला (बीजापुर ब्लॉक), प्रभा कुंजाम, ललित मरावी (भैरमगढ़ ब्लॉक), कुरसम बस्वैया, एल.एस. कश्यप (उसूर ब्लॉक), महबूबी खान, कावटी गोपाल (भोपालपटनम ब्लॉक)

उत्कृष्ट प्राचार्य - प्रभाकर राजा शर्मा (स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल)

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत नम्रता चौबे और भाजपा जिला अध्यक्ष घासीराम नाग ने कहा कि जिले के शिक्षकों ने शिक्षा की अलख जगाकर समाज को नई दिशा दी है। उनका योगदान केवल विद्यार्थियों के भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।

समारोह में कलेक्टर संबित मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ नम्रता चौबे, भाजपा जिला अध्यक्ष घासीराम नाग सहित जनप्रतिनिधि और सैकड़ों छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

यह आयोजन सम्मान से कहीं आगे बढ़कर शिक्षा के महत्व और शिक्षकों की भूमिका का संदेश देता है। जिन शिक्षकों को अलंकरण मिला, वे समाज में आदर्श बनकर दूसरों के लिए रास्ता दिखाएंगे। जब शिक्षक निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते हैं, तो पूरे समाज में विश्वास, ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव की धारा प्रवाहित होती है।



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