एग्रीमेंट अधर में, नींव डगमग और दरारों पर विकास, भोपालपटनम के नगर पंचायत में खुलने लगी भ्रष्टाचार की परतें

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तालाब और सीसी कांक्रीट से बेस व नाली निर्माण के बाद अब काम्प्लेक्स निर्माण पर सवाल, नगर पंचायत भी संदेह के घेरे में



बीजापुर - नगर पंचायत भोपालपटनम एक बार फिर सुर्खियों में है। तालाब निर्माण की गड़बड़ी को लेकर मण्डल अध्यक्ष राकेश केतारप व्दारा आरोप और सांस्कृतिक भवन के सामने सीसी कांक्रीट से बेस व नाली निर्माण कार्य अधूरा होने के बाद एक और बड़ा मामला उजागर हुआ है। हाई स्कूल के सामने बने व्यावसायिक काम्प्लेक्स निर्माण में गड़बड़ी और गुणवत्ता की भारी कमी के आरोप सामने आए हैं।


नगर पंचायत द्वारा निर्माण किए गए कुल 17 व्यावसायिक काम्प्लेक्सों में से केवल 2 को नीलामी के माध्यम से आबंटित किया गया है। इनमें से लाभार्थी दुर्गाराव ने बताया कि उसने नगर पंचायत को 5,10,000 की राशि जमा की, लेकिन अब तक उससे न तो एग्रीमेंट किया गया और न ही कोई दस्तावेज सौंपे गए हैं। उन्होंने बताया कि भवनों की हालत बेहद खराब है दीवारों में दरारें, स्लैब से पानी टपकने और बेस धंसने लगा है। आसपास के हिस्सों में गड्ढे भी बन चुके हैं जिससे भवन की नींव पर खतरा मंडरा रहा है।


सूत्रों का बड़ा दावा, बिना ईंट जोड़ाई के डाला गया बीम



सूत्रों के अनुसार भवन निर्माण में काॅलम खड़े करने के बाद ईंटों की जोड़ाई (ब्रिक सोलिंग) नहीं करते हुए बीम (फुटिंग कांक्रीट) डाला गया है। जिसके कारण जो मिट्टी या रेत भरा गया अब नीचे की ओर धंस (हट) रही है जो एक बड़ी तकनीकी लापरवाही मानी जा रही है। इससे भवन की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि उपयोग करने वालों की सुरक्षा का भी खतरा बना है। निर्माण को करीब 5 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन शेष 15 काम्प्लेक्स अभी भी ठेकेदार दिनू केला द्वारा नगर पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया हैं। इन काम्प्लेक्सों की दीवारों में भी दरारें देखी जा रही हैं और स्लैब से पानी अंदर गिर रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं हुआ है।


गोपनीय टेंडर और मंत्रालय से ‘सेटिंग’ का आरोप



पूर्व में भी नगर पंचायत में निविदा प्रक्रिया को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया था और यह टेंडर सीधे ठेकेदार दिनू केला को सौंपा गया था। जैसे ही इस गोपनीय टेंडर की जानकारी जिले के अन्य ठेकेदारों को मिली उनमें आक्रोश फैल गया। भैरमगढ़ के ठेकेदार अजय सिंह समेत कई ठेकेदारों ने इसका विरोध किया और मीडिया के समक्ष आकर इसे निरस्त करवाया। हालांकि सूत्रों के अनुसार इस निरस्त टेंडर को बाद में फिर से उसी ठेकेदार दिनू केला को गोपनीय तरीके से दे दिया गया। बताया गया की ठेकेदार ने मंत्रालय स्तर पर सेटिंग कर कार्य लाया गया।


नगर पंचायत द्वारा इन पूरे मामलों पर चुप्पी साधे रखने से लोगों का गुस्सा और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। लगातार सामने आ रहे निर्माण से जुड़े घोटालों से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या नगर पंचायत जानबूझकर खास ठेकेदार को फायदा पहुंचा रही है? भोपालपटनम नगर पंचायत में निर्माण कार्यों से जुड़े एक के बाद एक खुलासे प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।



निर्माण कार्यों में लापरवाही और गोपनीय टेंडर जैसे आरोपों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अब आवश्यकता है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि जनता का भरोसा कायम रह सके।

 


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