पंचायत का कमाल - कागजों में चमचमाती सड़क, 2 लाख 40 हजार का ‘अदृश्य मुरमीकरण’

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बीजापुर -  ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार से जुड़ा तीसरा खेल सामने आया है। हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत रुद्रारम का, जहां पूर्व सरपंच काका कृष्णावेणी और सचिव कोरम विजय ने भीमारपपारा के सड़क पर 2,40,000 रुपये का मुरमीकरण कार्य बताकर वेंडर को भुगतान कर दिया गया मगर मुरमीकरण का कार्य ही अदृश्य हो गया।


सड़क पर मुरमीकरण कार्य के अदृश्य होने की जानकारी मिलने पर अल्फा स्ट्रीम न्यूज भीमारप पारा पहुंची तो ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा की “शायद इस अदृश्य मुरमीकरण का काम रात के अंधेरे में किया गया होगा, तभी किसी की नजर नहीं पड़ी।” ग्रामीणों ने आगे बताया कि उन्होंने पिछले चार वर्षों से सड़क पर मुरमीकरण होते नहीं देखा है। गांव की सड़क पर आज तक एक तगड़ी मुरुम भी नहीं डाला गया है। 


बता दें कि अक्टूबर 2024 में 2,40,000 रुपये दो किश्तों में 1,20,000 रुपये और पुनः 1,20,000 रुपये निकाली गई थी। भीमाराप पारा में मुरमीकरण का काम कागजों पर पूरा दिखा दिया गया लेकिन हकीकत यह है कि सड़क जस की तस पड़ी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर विकास कागजों पर ही कराना है, तो जनता को गड्ढों वाली सड़क क्यों झेलनी पड़ रही है।


ग्रामीणों ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जब लाखों रुपये पंचायत से निकाले जाते हैं, तो अधिकारियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं होती? क्या बिना मौके का निरीक्षण किए ही भुगतान कर दिया जाता है? या फिर अधिकारी भी आंख मूंदकर इस बंदरबांट में शामिल हैं? एक ग्रामीण ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “लगता है अधिकारी भी उन्हीं सड़कों पर चलते होंगे जो फाइलों में बनी हैं, तभी उन्हें असली गड्ढे नजर नहीं आते।”


दरअसल रुद्रारम पंचायत पर यह पहला आरोप नहीं है। 15 वर्षो से बजट नहीं आने और दलदल सड़क पर मजबूरन चलने को मजबूर ग्रामीण तो कभी 2500 रुपये प्रति नग डस्टबिन की किमत पर खरीदी व ग्रामीणों को वितरण नहीं करने का खेल, अब अदृश्य मुरमीकरण ने पंचायत की साख पर और दाग लगा दिया हैं। भ्रष्टाचार की खुलती परतें बताती हैं कि योजनाओं की राशि कागजों पर ही खत्म हो रही है, जबकि गांव वाले परेशानियों के दलदल में धंसे हुए हैं।


इस संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेश देवांगन ने जल्द ही भीमारप पारा के सड़क पर मुरमीकरण कार्य की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया साथ ही उन्होंने बताया कि 2500 रुपये में डस्टबिन खरीदी के संबंध में जांच टीम गठित की गई है और जल्द ही इसकी जांच भी की जाएंगी।


लगातार ग्राम पंचायत रुद्रारम में भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं और इन पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जांच भी कराई जा रही है। अब ग्रामीणों को भी लगने लगा है कि शायद इस बार जांच में दोषियों से राशि की वसूली होगी। संबंधित जिम्मेदार अधिकारी अब इन भ्रष्टाचारों को लेकर किस तरह की कार्रवाई करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।



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