गोल्लागुड़ा का मांझीपारा, कीचड़ में भरी विकास की सच्चाई - जिम्मेदार कौन?

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सीसी रोड पर जाम कीचड़, लीकेज से रिसता पानी और नाली निर्माण की मांग वर्षों से अधूरी


बीजापुर - जिले के भोपालपटनम ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम पंचायत गोल्लागुड़ा के मांझीपारा में हालात बेहद खराब हैं। यहां की सीसी सड़क पर लगभग 2 इंच तक कीचड़ जमा है, जिससे ग्रामीण हर दिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं। सड़क पर कीचड़ जमा होने की मुख्य वजह नाली का न बनना है।


ग्रामीणों ने कई वर्षों से इस समस्या को लेकर पंचायत स्तर पर सरपंच और सचिव को जानकारी दी, मगर किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि ग्रामीणों ने जनपद कार्यालय और सुशासन तिहार के दौरान भी आवेदन दिया, लेकिन कोई पहल नहीं की गई।


नाली नहीं, तो गंदा पानी बहता है सड़कों पर, बढ़ी बीमारियों की आशंका


ग्रामीणों का कहना है कि नाली नहीं होने की वजह से घरों और आसपास का गंदा पानी सड़कों पर ही जाम रहता है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने से कीचड़ और गंदगी के बीच रोज बच्चे स्कूल, महिलाएं और बुजुर्ग आना-जाना करते हैं वो रास्ता अब कीचड़ से लथपथ क्यों है? कीचड़ और गंदगी के कारण संक्रमण और बीमारियों का खतरा बना हुआ है, लेकिन सरपंच, सचिव की अनदेखी के कारण प्रशासन इस ओर पूरी तरह से आंखें मूंदे हुए है।


पीएचई की लापरवाही से स्थिति और बिगड़ी


मोहल्ले में पीएचई विभाग ने नल जल योजना के तहत गड्ढे तो खोद दिए और पाइपलाइन बिछाई, मगर कार्य पूर्ण होने के बाद कुछ स्थानों पर गड्ढों को भरना ही भूल गए। यही नहीं, कई जगह पाइपलाइन की दरारें, छेद या जोड़ ढीले होने के कारण पानी लीक हो रहा है, जिससे मोहल्ले में और अधिक जलजमाव की स्थिति बन गई है।


जब इस पूरे मामले को लेकर जनपद पंचायत भोपालपटनम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया। जब जिम्मेदार अधिकारी ही जवाब देने से बच रहे हैं, तो फिर आम जनता अपनी समस्या लेकर किसके पास जाए?


ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधिकारियों को जवाब देने में संकोच है, तो कहीं न कहीं गलती स्वीकार की जा रही है, लेकिन सुधार की मंशा नहीं है।



स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि पानी निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के साथ सीसी सड़क पर जो मिट्टी और गंदगी जमी हुई है उसे साफ किया जाए। पीएचई विभाग द्वारा खोदे गए गड्ढों को भरा जाए, ताकि मांझीपारा की स्थिति सुधर सके, वरना आने वाले दिनों में यह समस्याओं के साथ-साथ बिमारियां भी फैल सकती है।



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