एक तरफ शांति वार्ता की बात, दूसरी तरफ लोकतंत्र की हत्या, उप सरपंच मुचाकी रामा की गला घोटकर हत्या

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सुकमा - एक तरफ नक्सली संगठन शांति वार्ता की पेशकश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के कैडर निर्दोष ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की हत्या कर लोकतंत्र को लहूलुहान कर रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला सुकमा जिले से सामने आया है, जहां नक्सलियों ने लोकतंत्र के एक निर्वाचित प्रतिनिधि की निर्मम हत्या कर दी। घटना जिले के कोंटा ब्लॉक अंतर्गत तारलागुड़ा पंचायत में आश्रित ग्राम बैनपल्ली की है, जहां सोमवार देर रात नक्सलियों ने गांव के निर्विरोध निर्वाचित उप सरपंच मुचाकी रामा को घर से उठाकर ले गये और रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी।


सूत्रों के अनुसार नक्सली ग्रामीण वेशभूषा में रामा के घर पहुंचे और उसे यह कहकर बाहर बुलाया कि कुछ बातचीत करनी है। इसके बाद वे उसे पास के जंगल की ओर ले गए, जहां उसकी हत्या कर शव को गांव के पास फेंक दिया। मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने जब शव देखा तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी।


मुचाकी रामा हाल ही में निर्विरोध उप सरपंच चुने गए थे। वे क्षेत्र में लोकप्रिय और विकास कार्यों में सक्रिय थे। यह स्पष्ट है कि नक्सलियों को उनकी लोकतांत्रिक भागीदारी और जनसमर्थन खल रही थी।


सरकार और समाज के साथ बातचीत की बातें करने वाले नक्सली एक तरफ सार्वजनिक मंचों पर वार्ता की अपील कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर निर्दोष ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की हत्या कर अपने दोहरे चरित्र को उजागर कर रहे हैं।


यह वारदात एक बार फिर नक्सलियों की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को उजागर करती है, जो बंदूक के दम पर व्यवस्था चलाना चाहते हैं। एक ओर वे शांति वार्ता की बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर निर्दोष जनप्रतिनिधियों की हत्या कर आतंक फैलाते हैं।



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