युवाओं ने लिया आत्मनिर्भर, संस्कारी और राष्ट्रसमर्पित बनने का संकल्प
बीजापुर - भारतीय संस्कृति के संरक्षण और युवाओं के बहुआयामी विकास के उद्देश्य से अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशन में बीजापुर जिले में 23 से 26 जून तक चार दिवसीय व्यक्तित्व निर्माण युवा शिविर का भव्य आयोजन किया गया। इस शिविर में भैरमगढ़, उसुर और बीजापुर ब्लॉक से बड़ी संख्या में युवाओं और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
दीप प्रज्वलन और वंदन के साथ हुआ शुभारंभ
शिविर का शुभारंभ भाजपा बस्तर प्रभारी जी. वेंकटेश्वर, भाजपा जिला अध्यक्ष घासी राम नाग, और समाजसेवी राजीव गांधी द्वारा माँ गायत्री, पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
चार दिन, चार दिशा - शारीरिक, मानसिक, नैतिक व आध्यात्मिक विकास
शांतिकुंज से आए प्रशिक्षकों कुलदीप कृष्ण भारती, लोकेश साहू, प्रिया साहू, सरिता और आस्था पटेल ने युवाओं को योग, आत्मरक्षा, गुरुकुल पद्धति, समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया। शिविर के दौरान स्वावलंबन, व्यसनमुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और संस्कार जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
संस्कार और संकल्पों का मिला संदेश
शिविर से प्रेरित होकर 75 युवाओं ने अपने जीवन को संवारने का संकल्प लिया। इनमें से 15 युवाओं ने मांसाहार और जीवहत्या का त्याग करने का प्रण लिया। इसके साथ ही सौरभ पांडे, अथर्व बीरा, वरुण इच्छामि, वासुदेव यादव, साक्षी नक्का, तनीषा गोयल, योग माया, संगीता काडीयामी सहित 19 युवाओं ने दीक्षा संस्कार लिया। वहीं 8 युवाओं ने बाल संस्कार शाला संचालित करने का संकल्प लिया।
समापन अवसर पर मिले प्रोत्साहन के शब्द
शिविर के समापन समारोह में पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा, नगर पालिका उपाध्यक्ष भुवन सिंह और महिला पार्षदों की उपस्थिति रही। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने की प्रेरणा दी और अपने हाथों से प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर युवा पीढ़ी में राष्ट्रीय चरित्र, सांस्कृतिक मूल्यों और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करते हैं।
संगठनों और सेवाभावी व्यक्तियों का रहा महत्वपूर्ण योगदान
शिविर के सफल आयोजन में गायत्री शक्तिपीठ बीजापुर के ट्रस्टी शंकर कुड़ियम, सहायक ट्रस्टी राम यश विश्वकर्मा, पूर्व जिला समन्वयक विजय बहादुर, समन्वयक राजा बाबू बीरा, व्यवस्थापक जे.पी. सिंह राजपूत, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष संतोष कुमार, महिला प्रकोष्ठ की खेमनी यादव, अर्चना सिंह, गायत्री मरकाम, यामिनी साहू, दुर्गा पुजारी, अर्जुन वैंकू सहित कई सेवाभावी कार्यकर्ताओं और परिजनों का उल्लेखनीय योगदान रहा।
यह चार दिवसीय शिविर न केवल युवाओं को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने का माध्यम बना, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की महान परंपराओं को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का सशक्त प्रयास भी सिद्ध हुआ। इस शिविर ने यह सिद्ध कर दिया कि जब युवा दिशा में आते हैं, तो देश का भविष्य उज्ज्वल होता है।





