भाजपा की नीति उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की - बसंत ताटी
बीजापुर - कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने प्रेस नोट जारी कर आरोप लगाया प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई नई तेंदूपत्ता नीति को लेकर प्रदेश के ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में भारी नाराजगी है। ताटी का आरोप है कि सरकार ने जो नीति लागू की है, वह गरीब आदिवासियों के हितों के खिलाफ है और इसका उद्देश्य सिर्फ उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को आर्थिक लाभ पहुंचाना है।
इस संबंध में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार गरीब आदिवासियों की हितैषी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण की परंपरागत ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर उसका सरकारीकरण कर दिया है, जिससे सीधे तौर पर तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी प्रभावित हुई है।
ताटी ने बताया कि पहले जब ठेकेदारों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य होता था, तो बूटा कटाई से लेकर पत्ता संग्रहण तक सभी कार्य समय पर संपन्न होते थे। इससे आदिवासी मजदूरों को अच्छा खासा रोजगार और आय मिल जाती थी। लेकिन अब जब यह कार्य वन विभाग के हवाले कर दिया गया है, तो विभाग की उदासीनता के कारण न सिर्फ काम में देरी हो रही है बल्कि मौसम का बहाना बनाकर तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य को भी जानबूझकर विलंब से शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण आदिवासी परिवारों के लिए साल भर की कमाई का प्रमुख साधन होता है। आदिवासी हर साल इस सीजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, ताकि इस कार्य से होने वाली आय से वे पूरे वर्ष के खर्च चला सकें। परंतु नई नीति ने उनकी इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है।


