वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर दो आरोपी गिरफ्तार, न्यायिक प्रक्रिया जारी
सुकमा - भालू के साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार और उसकी हत्या को लेकर छत्तीसगढ़ के वनमंत्री केदार कश्यप के स्पष्ट और कड़े निर्देश पर वन विभाग ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई वायरल वीडियो और समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर की गई, जिससे जुड़ा मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष जनहित याचिका (PIL) के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है।
वनमंत्री ने इसे "अक्षम्य अपराध" करार देते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के पश्चात जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया गया, जिसने वायरल वीडियो और घटनास्थल की बारीकी से जांच की। प्रथम दृष्टया यह घटना सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र की पाई गई।
वनमंत्री के निर्देश पर यह भी घोषणा की गई थी कि जानकारी देने वाले को 10,000 का इनाम दिया जाएगा और उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इस कदम से भी स्थानीय नागरिकों से सहयोग प्राप्त हुआ।
संवेदनशील नक्सल क्षेत्र में की गई कार्रवाई
संभावित क्षेत्र चिन्हित करने के बाद सुकमा वनमंडलाधिकारी द्वारा एक विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की गई। ग्रामों, विद्यालयों और पोटा केबिनों में छात्रों, शिक्षकों व ग्रामीणों से पूछताछ की गई। संदेह के घेरे में आए दो आरोपियों वंडो भीमा (उम्र 18-20 वर्ष) और चंडो देवा (उम्र 37-40 वर्ष), दोनों ग्राम पुट्टेपाड़ के निवासी हैं। यह क्षेत्र अत्यंत दुर्गम, दूरस्थ और नक्सल प्रभावित होने के कारण सुरक्षा बलों की सहायता आवश्यक रही।
तेलंगाना सीमा पर पकड़े गए आरोपी
पहले दौर की तलाशी में आरोपी फरार मिले, लेकिन तेलंगाना सीमा से सटी होने के कारण भद्रादी (तेलंगाना) के पुलिस अधीक्षक और भद्राचलम के वन अधिकारी से संपर्क कर संयुक्त कार्रवाई शुरू की गई। अथक प्रयासों और सतत निगरानी के पश्चात 14 अप्रैल को दोनों आरोपियों को धर दबोचा गया। इस गिरफ्तारी के साथ वन अपराध प्रकरण क्रमांक 9982/21 दर्ज कर कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की गई।
इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा, "वन्यजीव हमारे अमूल्य प्राकृतिक धरोहर हैं, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन, प्रशासन और आम जनता की समान रूप से है। भालू के साथ क्रूरता का वीडियो अत्यंत दुखद और अमानवीय था। सरकार ऐसे अपराधों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी।"
यह कार्रवाई अन्य संभावित अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वन्यजीवों के खिलाफ किसी भी तरह की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
