सुकमा में तेलंगाना स्टेट कमेटी और PLGA बटालियन नंबर 01 के सप्लायर की गिरफ्तारी, नक्सलियों की सप्लाई चैन टूटी

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गिरफ्तार किये गये नक्सली 

सुकमा - जिले के थाना जगरगुंडा क्षेत्र में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए तेलंगाना स्टेट कमेटी और PLGA बटालियन नंबर 01 के लिए सप्लाई का कार्य करने वाले नक्सल सप्लायर सहित दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए मुख्य नक्सली सप्लायर मुचाकी सुरेश नक्सल संगठन के लिए राशन एवं दैनिक उपयोग की सामग्रियों की आपूर्ति करता था। इसके अलावा, वह सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर निगरानी रखकर नक्सलियों को महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने का भी काम करता था। मुचाकी सुरेश न केवल नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था, बल्कि वह सुरक्षा बलों के आने-जाने वाले मार्गों पर आईईडी और स्पाइक लगाने, सड़कों को खोदकर उन्हें बाधित करने जैसी घटनाओं में भी शामिल रहा है।

सीमावर्ती जिले बीजापुर का निवासी है नक्सल सप्लायर

गिरफ्तार किए गए नक्सली सप्लायर मुचाकी सुरेश छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिले बीजापुर का निवासी है। इसके साथ पकड़े गए दूसरे नक्सली पुनेम हिड़मा भी बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र का रहने वाला है और मिलिशिया सदस्य के रूप में सक्रिय था।

सुकमा जिले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नक्सल उन्मूलन अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में, 13 मार्च को थाना जगरगुंडा से जिला बल और 165 वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त टीम को ग्राम कुंदेड़ और आसपास के जंगलों में ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था।

जंगल में छिपे नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने किया गिरफ्तार

जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम कुंदेड़ जंगल के पास पहुंची, तो वहां से भागने की कोशिश कर रहे दो संदिग्ध नक्सलियों को घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। पूछताछ में उनकी पहचान मुचाकी सुरेश (28 वर्ष) निवासी मलेंमपेंटा, थाना उसूर, जिला बीजापुर और पुनेम हिड़मा (25 वर्ष) निवासी डोडीतुमनार, थाना गंगालूर, जिला बीजापुर के रूप में हुई। गिरफ्तार नक्सलियों के खिलाफ पहले से ही थाना जगरगुंडा में अपराध क्रमांक 20/2024 के तहत मामला दर्ज था। इन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 190, 191 (3), 109 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध था। गिरफ्तार नक्सलियों पर आरोप है कि 11 अगस्त 2024 को नवीन कैंप पुवर्ती में सुरक्षा बलों पर फायरिंग करने की घटना में शामिल थे। इस मामले में पुलिस पहले से ही उनकी तलाश कर रही थी। गिरफ्तार नक्सलियों के खिलाफ अग्रिम वैधानिक कार्रवाई पूरी करने के बाद 13 मार्च को उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।



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