बीजापुर - धर्म और आस्था के पावन संगम में एक और ऐतिहासिक क्षण जुड़ गया, जब मां भद्रकाली का भव्य छत्र फागुन मंडई, दंतेवाड़ा में सम्मिलित होकर आज अपने धाम वापस लौट रहा है। श्रद्धा और भक्ति से सराबोर इस अवसर पर माता रानी के भक्तों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ बीजापुर में मां के छत्र का स्वागत किया।
धूमधाम से हुआ मां भद्रकाली का स्वागत
मां भद्रकाली मंदिर से 11 मार्च 2025 को मां का छत्र फागुन मंडई, दंतेवाड़ा में शामिल होने के लिए निकला था। इस धार्मिक उत्सव के उपरांत 15 मार्च को आमंत्रित देवी-देवताओं की विदाई के साथ फागुन मंडई का भव्य समापन हुआ। इसके बाद, आज 16 मार्च को मां भद्रकाली का छत्र वापस अपने मूल धाम लौट रहा है।
बीजापुर में माता के भक्तों ने श्रद्धा से भरा आत्मीय स्वागत किया। पुराना बस स्टैंड के सामने, होटल सनराइज के पास श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से मार्ग को फूलों से सजाया, जिससे माता का आगमन अत्यंत भव्य और दिव्य प्रतीत हुआ।
फागुन मंडई - आस्था और परंपरा का संगम
फागुन मंडई, दंतेवाड़ा क्षेत्र में हर वर्ष आयोजित होने वाला एक पावन उत्सव है, जिसमें देवी-देवताओं के छत्र दूर-दूर से एकत्रित होते हैं। इस आयोजन में हजारों श्रद्धालु शामिल होकर अपने आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार भी मां भद्रकाली का छत्र दंतेवाड़ा में भक्तों का आशीर्वाद देने पहुंचा और अब अपने मूल स्थान पर लौट रहा है।
आज सुबह से ही मां भद्रकाली के छत्र के स्वागत की तैयारियां जोरों पर थीं। जैसे ही मां का छत्र बीजापुर पहुंचा, जयकारों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालुओं ने माता की आरती कर आशीर्वाद लिया।
मां भद्रकाली का धाम वापसी - श्रद्धा और भक्ति का संदेश
मां भद्रकाली के धाम लौटने के इस पावन अवसर पर भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया। यह धार्मिक यात्रा न केवल आस्था और परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी संदेश देती है।
भक्तों की आस्था और प्रेम से सजी इस यात्रा ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि देवी-देवताओं की भक्ति ही वह शक्ति है, जो लोगों को एक सूत्र में बांधती है।




