बीजापुर - जिले के ग्राम पंचायत चेरपाल की 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती सोमारी पुनेम के लिए यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं था। जब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अपने नए घर की प्रतीकात्मक चाबी मिली, तो उनकी आँखों में खुशी के आँसू छलक पड़े।
सोमारी पुनेम के पति का सपना था कि उनका भी एक पक्का मकान हो, लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। पति की मृत्यु के बाद, सोमारी अपने सबसे छोटे पुत्र विजय के साथ रहती हैं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे भी पक्के मकान में रह पाएंगी, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनके इस सपने को हकीकत में बदल दिया।
सरकारी मदद और अपनी मेहनत से बनाया घर
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जब पंचायत से उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने अपनी थोड़ी-बहुत जमा पूंजी लगाई। इसके साथ ही, शासन से प्राप्त 1.20 लाख की सहायता राशि और मनरेगा योजना के तहत 90 दिनों की मजदूरी से उन्होंने अपने घर का निर्माण पूरा किया।
आज उनका पक्का मकान तैयार हो गया है, और यह उनके लिए किसी सपने के पूरे होने जैसा है। सोमारी पुनेम ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा - "मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने जीवन में कभी पक्के मकान में रहूंगी। आज यह सपना पूरा हुआ है। माननीय प्रधानमंत्री जी के हाथों से घर की चाबी मिलना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है।"
प्रधानमंत्री आवास योजना - गरीबों के सपनों को दे रही है नया आशियाना
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को सुरक्षित और पक्के आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस योजना के तहत हजारों परिवारों को आर्थिक सहायता, मजदूरी समर्थन और अन्य सुविधाएँ दी जा रही हैं।
श्रीमती सोमारी पुनेम जैसी कई महिलाएँ, जो अब तक कच्चे घरों में रहने को मजबूर थीं, अब अपने पक्के घर के सपने को साकार होते देख रही हैं।



