"बस्तर पंडूम" समृद्ध जनजातीय संस्कृति के पुनर्जागरण के लिए मुख्यमंत्री को आभार – बलदेव उरसा

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बीजापुर - भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष बलदेव उरसा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय को "बस्तर पंडूम" योजना की शुरुआत के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह योजना बस्तर संभाग के सभी विकासखंडों एवं जिलों में जनजातीय संस्कृति, परंपराओं, लोककला और पारंपरिक वेशभूषा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।


जनजातीय लोकसंस्कृति को वैश्विक पहचान देने का प्रयास


बलदेव उरसा ने कहा कि बस्तर क्षेत्र की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, पारंपरिक लोककला, व्यंजन, वेशभूषा और नृत्य-संगीत को संरक्षित कर इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से बस्तर के युवा-युवतियाँ अपनी परंपराओं और संस्कृति को न केवल समझेंगे बल्कि उसे आगे बढ़ाने में भी योगदान देंगे।


जनजातीय आभूषणों और शिल्प कला की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र


उन्होंने बताया कि इस आयोजन में बस्तर की विभिन्न जनजातियों जैसे मुरिया, माडिया, गोड़, बत्रा, हल्बा और पारधान समुदायों के पारंपरिक आभूषणों और शिल्पकला की भव्य प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें जनजातीय गहनों की अनूठी शिल्पकला और उनकी सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाते हैं। यह न केवल पारंपरिक कला को सहेजने का प्रयास है, बल्कि स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों को भी प्रोत्साहन देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है।


बस्तर के आदिवासी युवाओं को मिलेगा लाभ


बलदेव उरसा ने आगे कहा कि इस योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांवों में रहने वाले आदिवासी युवाओं को शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वे अपनी मूल संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित कर उसे एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने में सक्षम होंगे।


मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित


उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय को इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि "बस्तर पंडूम" न केवल हमारी समृद्ध विरासत को संजोने का कार्य करेगा, बल्कि आने वाले समय में यह बस्तर के युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।



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