वरिष्ठ पत्रकार दिनेश नामदेव और शमशाद बानो न्यायालय से दोषमुक्त, सरपंचों के राजनैतिक षड्यंत्र का पर्दाफाश

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राजनांदगांव - जिले में सरपंचों द्वारा रचे गए एक बड़े राजनीतिक षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। पत्रकारों के खिलाफ झूठा और मनगढंत केस दर्ज कराने वाले ग्राम पंचायत पिनकापार की सरपंच शांति बाई सहारे, पति अनुज सहारे एवं उनके अन्य सहयोगी सरपंचों की साजिश अब जनता के सामने आ चुकी है। विगत दो वर्षों से चल रहे इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार दिनेश नामदेव और शमशाद बानो आखिरकार न्यायालय से दोषमुक्त करार दिए गए हैं।


सरपंच शांति बाई ने निजी स्वार्थ के लिए दर्ज कराया था मामला


मामला 15 जनवरी 2023 का है, जब ग्राम पंचायत पिनकापार की सरपंच शांति बाई सहारे ने पत्रकार दिनेश नामदेव और शमशाद बानो के विरुद्ध पुलिस चौकी चिचोला में एक फर्जी एफआईआर दर्ज करवाई थी। सरपंच ने पत्रकारों को विज्ञापन न देने के बहाने बवाल खड़ा किया, साथ ही जाति का गलत फायदा उठाते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत झूठे आरोप लगाए थे।


राजनीतिक दबाव में हुआ था मामला दर्ज


यह एफआईआर राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक साठगांठ का नतीजा थी, जिसमें छुरिया जनपद पंचायत के लगभग 12 से 15 अन्य सरपंच भी शामिल थे। इस राजनीतिक षड्यंत्र का मास्टरमाइंड सरपंच संघ के अध्यक्ष धर्मेन्द्र साहू को बताया गया, जिन्होंने तत्कालीन स्थानीय कांग्रेस विधायक के पति के सहयोग से चिचोला थाना चौकी प्रभारी चेतन चंद्राकर पर दबाव बनाकर पत्रकारों के खिलाफ अवैध वसूली, गाली-गलौज एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत झूठा मामला दर्ज करवाया था।


पत्रकारों के खिलाफ आनन-फानन में हुई कार्रवाई


आरोप लगाने के तुरंत बाद, पुलिस ने बिना किसी जांच-पड़ताल के, वरिष्ठ पत्रकार दिनेश नामदेव को सोनारपारा स्थित उनके निवास स्थान से बिना गिरफ्तारी वारंट के जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, पत्रकार शमशाद बानो की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह तलाशी ली गई, लेकिन वे पुलिस के हाथ नहीं लगीं। शमशाद बानो ने न्यायालय से अग्रिम जमानत हासिल कर कानूनी लड़ाई जारी रखी।


वरिष्ठ अधिवक्ता हलीम बक्श गाजी की शानदार पैरवी से मिला इंसाफ


इस बहुचर्चित मामले में दोनों पत्रकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हलीम बक्श गाजी ने प्रभावी पैरवी की। आखिरकार राजनांदगांव स्थित विशेष न्यायालय (एससी-एसटी एक्ट) के पीठासीन अधिकारी श्री थामस इक्का ने निष्पक्षता के साथ मामले की सुनवाई करते हुए पत्रकार दिनेश नामदेव एवं शमशाद बानो को दोषमुक्त करार दिया।


पत्रकारों ने कहा— सच की हुई जीत


फैसले के बाद दिनेश नामदेव ने कहा, "हमें योजनाबद्ध तरीके से फंसाया गया था। यह सच की जीत है। पत्रकारिता की राह में आने वाली बाधाओं का हम डटकर सामना करेंगे। हमारा काम सच दिखाना है, जिन्हें तकलीफ होती है, वे वही हैं जो गलत कामों में लगे हैं। पत्रकारिता के इस मिशन में हमें रोकने की कोशिशें विफल होंगी।"


इस फैसले से न केवल न्याय की जीत हुई है, बल्कि क्षेत्र में पत्रकारिता की साख और मजबूत हुई है। आमजन के बीच पत्रकारों की विश्वसनीयता और साहसपूर्ण रिपोर्टिंग के प्रति सम्मान बढ़ा है।


पत्रकार दिनेश नामदेव और शमशाद बानो ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है, लेकिन वे आगे भी भ्रष्टाचार और राजनीतिक षड्यंत्रों का पर्दाफाश करते रहेंगे। वे निडरता और ईमानदारी से पत्रकारिता करते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े।




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