बीजापुर (भोपालपटनम) - पूर्व जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने भोपालपटनम विकासखंड के विभिन्न ग्रामों में बढ़ते जल संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और अन्य मदों से समय-समय पर उत्खनन किए गए हैंडपंप उचित रखरखाव के अभाव में बंद पड़े हैं या फिर उनमें से निकला पानी पीने योग्य नहीं है। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा जल जीवन मिशन
बसंत ताटी ने जल जीवन मिशन की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ठेकेदारों ने केवल पानी की टंकियां और स्टैंड पोस्ट बनाकर स्वीकृत राशि का पूरा आहरण कर लिया, लेकिन जल आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं की। उन्होंने बताया कि ठेकेदारों को पहले जल स्रोत की पहचान कर बोरवेल उत्खनन करना था, लेकिन इसके विपरीत उन्होंने पहले टंकी और संरचना बना दी और बाद में जल स्रोत ढूंढने का प्रयास किया। इससे जल स्रोत नहीं मिलने पर टंकियां बेकार पड़ी हैं और ग्रामीण सूखी टोटियों को देखने के लिए मजबूर हैं।
रालापल्ली समूह जल प्रदाय योजना भी विफल
बसंत ताटी ने रालापल्ली समूह जल प्रदाय योजना की भी खामियां उजागर की। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य 19 गांवों को प्राथमिकता के आधार पर शुद्ध और फिल्टर युक्त पेयजल उपलब्ध कराना था, जिससे ग्रामीणों को फ्लोराइड युक्त पानी से निजात मिल सके। लेकिन यह योजना भी अपनी पूर्ण सफलता नहीं पा सकी।
ग्राम चिल्लामरका, चेरपल्ली, चंदनगिरी (नदी पारा), रुद्रारम के कोनागुडा, यालमपारा, गेरागुडा और सोढ़ीपारा में आज भी ग्रामीणों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है, जिससे वे फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।
बसंत ताटी ने कहा कि बढ़ती गर्मी के कारण जल स्रोत तेजी से सूख रहे हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि वह इस जल संकट को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कदम उठाए, ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके और उन्हें जल संकट से राहत मिले।


