बड़े केडर सहित 16 माओवादी ढेर, शव और हथियार बरामद, दो जवान जख्मी

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सुकमा - छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। गोगुंडा पहाड़ी में डीआरजी और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में अब तक कुल 16 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। जिनमें नक्सली लीडर जगदीश के भी मारे जाने की खबर है। मौके से बड़ी संख्या में ऑटोमेटिक हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है, जबकि इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।


मुठभेड़ में बरामद हथियार और विस्फोटक



सुरक्षा बलों को मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में आधुनिक हथियार और विस्फोटक सामग्री मिली है, जिसमें AK-47, SLR, INSAS राइफल, 303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लॉन्चर शामिल हैं। यह नक्सलियों के पास बड़ी संख्या में घातक हथियारों की मौजूदगी को दर्शाता है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किसी बड़ी योजना को अंजाम देने की तैयारी में थे।


सुकमा जिले के थाना केरलापाल क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर, 28 मार्च को डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टुकड़ी को एक विशेष अभियान के तहत नक्सल विरोधी ऑपरेशन पर रवाना किया गया। अभियान के दौरान, 29 मार्च की सुबह 08:00 बजे से दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलीबारी शुरू हो गई, जो कई घंटों तक जारी रही।


सुरक्षा बलों के जवान भी घायल, लेकिन खतरे से बाहर


मुठभेड़ के दौरान डीआरजी और सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए, हालांकि राहत की बात यह है कि दोनों की हालत सामान्य है और वे खतरे से बाहर हैं। घायल जवानों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए अस्पताल भेजा गया है।


मुठभेड़ स्थल पर अब तक 16 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं जिसमें बड़े केडर के नक्सली भी शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, और भी नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना है। इसीलिए, सुरक्षा बलों ने इलाके में गश्त और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। आसपास के जंगलों में नक्सलियों की तलाश की जा रही है ताकि कोई भी नक्सली भागने में सफल न हो सके।


बीते कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ के बस्तर और सुकमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ लगातार कड़े अभियान चलाए हैं। इस ताजा मुठभेड़ में 16 नक्सलियों के मारे जाने से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले भी कई शीर्ष नक्सली नेताओं को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है, जिससे उनकी ताकत लगातार कमजोर पड़ रही है।


 

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