श्रीकृष्ण-राधारानी विवाह महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब
बीजापुर - जिले के भोपालपटनम विकासखंड में स्थित सकल नारायण गुफा में इस वर्ष हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन प्रशासन और ग्राम पंचायत की लापरवाही के कारण यहां अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। हर साल हिंदू नववर्ष के अवसर पर यहां श्रीकृष्ण-राधारानी विवाह महोत्सव का आयोजन होता है, जिसमें अलग- अलग राज्य से श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन इस बार अव्यवस्थाओं और प्रशासनिक उदासीनता के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गुफा में प्रवेश की जगह तक नहीं, श्रद्धालु परेशान
सकल नारायण गुफा, जो कि भोपालपटनम से 10 किलोमीटर और पोषडपल्ली गांव से 4 किलोमीटर दूर स्थित है, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने आते हैं, लेकिन इस बार भीड़ अनियंत्रित हो गई है, जिससे गुफा के अंदर प्रवेश करने की कोई जगह नहीं बची।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और ग्राम पंचायत की ओर से कोई खास इंतजाम नहीं किया गया, जिसके कारण श्रद्धालु घंटों तक धक्के खाने को मजबूर हो गए। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अगर प्रशासन इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो यहां बड़े हादसे की आशंका बनी रहेगी।
मधुमक्खियों के हमले से श्रद्धालुओं में मचा हड़कंप, अव्यवस्थाओं ने बढ़ाया खतरा
सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे सकल नारायण पर्वत की पवित्र वादियों में भक्ति का माहौल चरम पर था। गुफा के बाहर भीड़, धूप से बेहाल श्रद्धालु, और जयकारों की गूंज के बीच माहौल एकदम श्रद्धा और उत्साह से भरा हुआ था। इसी दौरान, अचानक गुफा के प्रवेश द्वार के पास स्थित एक बड़े मधुमक्खी के छत्ते से मधुमक्खियों का झुंड भड़क गया और 10-15 श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। हमला इतना अप्रत्याशित था कि कुछ ही पलों में वहां अफरा-तफरी मच गई और श्रद्धालु इधर-उधर भागने लगे।
गनीमत रहा कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन कई श्रद्धालु डरे-सहमे नजर आए। कुछ को मामूली जलन और सूजन की शिकायत हुई, जिन्हें स्थानीय लोगों ने प्राथमिक उपचार दिया।
रहस्यमयी गुफा, जिसमें छिपे हैं रामायण और महाभारत के रहस्य
सकल नारायण गुफा को सबसे प्रसिद्ध गुफाओं में गिना जाता है। यह पर चिंतावागु नदी के किनारे पर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर पर मेले का आयोजन किया जाता है। स्थानीय जानकारों का मानना है कि इस गुफा में रामायण और महाभारत काल के रहस्य छिपे हुए हैं। गुफा के अंदर लगभग 8 मीटर लंबी-लंबी सुरंगें हैं, जिनमें गोपिकाओं की प्राचीन मूर्तियां है।
गुफा के प्रवेश द्वार के पास मधुमक्खियों के बड़े-बड़े लगभग 8-9 छत्ते हैं। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति गलत मंशा से गुफा में प्रवेश करता है, तो मधुमक्खियाँ उस पर हमला कर देती हैं।
भगवान श्रीकृष्ण की साक्षी में सम्पन्न हुआ विवाह समारोह
हर साल हिंदू नववर्ष के अवसर पर सकल नारायण गुफा में श्रीकृष्ण-राधारानी का विवाह बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर विवाह संस्कार के लिए विशेष आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से आए नवविवाहित जोड़े एक सामूहिक विवाह समारोह में विवाह बंधन में बंधते हैं। इस वर्ष 20 जोड़ों ने भगवान श्रीकृष्ण की साक्षी में शादी की, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
प्रशासन की लापरवाही, हर साल होती हैं वही समस्याएँ
हर साल इस आयोजन में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से श्रद्धालु आते हैं। लेकिन ग्राम पंचायत और प्रशासन द्वारा गुफा के पास भीड़ नियंत्रण, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षा के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की जाती है।
श्रद्धालुओं, स्थानीय निवासी एवं समिति के अध्यक्ष मट्टी नागेश, तेलम लक्ष्मण, तेलम सुनील, तेलम संतोष, मट्टी भद्रैया ने कहा कि प्रशासन से इस ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल पर अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए गुफा तक पहुंचने के लिए व्यवस्थित मार्ग का निर्माण, भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती, पेयजल और स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित व्यवस्था, गुफा के प्रवेश और निकास को सुचारू रूप से व्यवस्थित करते हुए श्रद्धालुओं को किसी दुर्घटना का सामना न करना पड़े ऐसे आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
प्रशासन कब तक रहेगा मूकदर्शक?
हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन और उनके विवाह समारोह में शामिल होने आते हैं। लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता और अव्यवस्था के कारण श्रद्धालु कठिनाइयों से जूझने को मजबूर हैं।
प्रशासन कब इस ऐतिहासिक स्थल के महत्व को समझेगा और इसकी व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर हर साल श्रद्धालु इसी तरह अव्यवस्था का शिकार होते रहेंगे?







