सूरजपुर - जिले में स्कूली छात्राओं के साथ शिक्षकों द्वारा छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के दो अलग-अलग मामलों ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की है। पत्र में उन्होंने सूरजपुर के सोनगरा मिडिल स्कूल और एक अन्य शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून और निगरानी तंत्र की जरूरत पर बल दिया है।
सोनगरा मिडिल स्कूल मामला - 19 छात्राओं के साथ छेड़छाड़
दिसंबर 2024 जिले के सोनगरा मिडिल स्कूल में टीचर सुमन कुमार रवि पर कक्षा 6वीं से 8वीं तक की 19 छात्राओं के साथ लंबे समय से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। छात्राओं ने जांच टीम को बताया कि शिक्षक उन्हें गलत तरीके से छूते थे, उनके सीने और कमर को स्पर्श करते थे, और अश्लील बातें करते थे। कई छात्राओं ने बयान देते हुए रोते हुए कहा कि वे डर के कारण पहले चुप थीं। इस मामले में स्कूल की प्रभारी हेडमास्टर अनिता बेग पर भी आरोप लगा कि उन्होंने छात्राओं की शिकायत को दबाने की कोशिश की।
घटना का खुलासा तब हुआ जब सूरजपुर बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल की टीम ने स्कूल में जागरूकता शिविर आयोजित किया। शिविर में छात्राओं को बैड टच और पॉक्सो एक्ट की जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने हिम्मत जुटाकर अपनी आपबीती सुनाई। कलेक्टर एस. जयवर्धन ने जांच के लिए एक टीम गठित की, जिसमें प्रतापपुर एसडीएम ललिता भगत, बीईओ मन्नु धुर्वे, नायब तहसीलदार सरिता राजवाड़े और मनोज जायसवाल शामिल थे। जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने पर सुमन कुमार रवि और अनिता बेग को निलंबित कर दिया गया। भटगांव थाने में दोनों के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
दूसरा मामला - हेडमास्टर मोहम्मद रऊफ पर गंभीर आरोप
मार्च 2025 सूरजपुर विकासखंड के एक शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधान पाठक मोहम्मद रऊफ पर 9 छात्राओं के साथ एक साल से अश्लील हरकत करने का आरोप लगा है। छात्राओं ने बताया कि हेडमास्टर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर निजी अंगों को छूता था और अश्लील व्यवहार करता था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में स्कूल में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के बाद छात्राओं ने टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज की।
कलेक्टर एस. जयवर्धन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई, जिसमें एसडीएम शिवानी जायसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा और मनोज जायसवाल शामिल थे। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग सरगुजा हेमंत उपाध्याय ने मोहम्मद रऊफ को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेमनगर नियत किया गया है।
अमित गुप्ता का गृहमंत्री को पत्र
इस घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। उन्होंने सूरजपुर की इस घटना का जिक्र करते हुए स्कूलों में 'गुड टच' और 'बैड टच' की जागरूकता बढ़ाने की मांग की। गुप्ता ने अपने पत्र में कहा कि बच्चों को सही और गलत स्पर्श के बीच अंतर समझाने की जरूरत है, ताकि वे ऐसी घटनाओं से खुद को बचा सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्कूलों की दीवारों पर अधिकारियों के संपर्क नंबर लिखे जाएं, ताकि पीड़ित बच्चे आसानी से मदद मांग सकें।
बच्चों की सुरक्षा के लिए मुख्य सुझाव
अमित गुप्ता ने अपने पत्र में निम्नलिखित मांगें और सुझाव प्रस्तुत किया गया है -
जागरूकता कार्यक्रम - सभी स्कूलों में "गुड टच" और "बैड टच" पर नियमित सत्र आयोजित किए जाएं।
माता-पिता की भागीदारी - अभिभावकों को भी इस मुद्दे पर जागरूक किया जाए, ताकि वे बच्चों से खुलकर बात कर सकें।
हेल्पलाइन सेवा - बच्चों और महिलाओं के लिए एक सक्रिय हेल्पलाइन शुरू की जाए, जहां वे अपनी शिकायत बिना डर के दर्ज करा सकें।
कानूनी सख्ती - "बैड टच" के मामलों में त्वरित कानूनी कार्रवाई और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
सोनगरा मिडिल स्कूल की घटना के बाद स्थानीय अभिभावकों और समुदाय में गुस्सा देखा जा रहा है। स्कूल जैसे सुरक्षित स्थान पर बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार होने से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है। वहीं, पुलिस जांच में जुटी है ताकि पूरे मामले की तह तक जाया जा सके।
बच्चों के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत
अमित गुप्ता ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि बच्चों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समाज की प्राथमिकता होना चाहिए। उन्होंने लिखा, "बच्चे हमारे भविष्य हैं, और उनकी सुरक्षा के लिए समाज को अधिक संवेदनशील बनाना होगा।" उनका मानना है कि जागरूकता और त्वरित कार्रवाई से न केवल बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी मिलेगी, बल्कि ऐसे अपराधों को रोकने में भी मदद मिलेगी।
सोनगरा मिडिल स्कूल की घटना और अमित गुप्ता का पत्र दोनों ही बच्चों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत व्यवस्था की जरूरत को रेखांकित करते हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि गृहमंत्री इस मांग पर क्या कदम उठाते हैं, ताकि स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित हो सके।



