बीजापुर - जिले के 23 आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं (लैम्पस) में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत फरवरी माह में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में किसानों को सहकारी समितियों से मिलने वाली सुविधाओं एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। सहकारी समितियों के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार, पूरे वर्ष विभिन्न पंचायतों एवं समितियों में सहकारी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
जिला कलेक्टर श्री संबित मिश्रा द्वारा जिला विकास सहकारी समिति की बैठक में वार्षिक कैलेंडर को अनुमोदित कर जारी किया गया। इसके तहत प्रत्येक माह समितियों और ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए। इस क्रम में 27 एवं 28 फरवरी 2025 को जिले की सभी 23 लैम्पस में मॉडल बायलाज का वाचन किया गया और समितियों के पुनर्गठन को लेकर चर्चा की गई। बैठक के दौरान जिले में एक संस्था के पुनर्गठन की जानकारी भी साझा की गई।
किसानों को योजनाओं का लाभ और सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण
कार्यक्रम के दौरान किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, पशुपालन योजनाएं, समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन, कॉमन सुविधाओं के माध्यम से सेवाओं की उपलब्धता जैसी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके अलावा, किसानों को सहकारी समितियों से जुड़े नए डिजिटल सुधारों की भी जानकारी दी गई, जिसमें माइक्रो एटीएम के माध्यम से 10 हजार रुपये तक की नगद निकासी सुविधा प्रमुख रूप से शामिल है।
सहकारी समितियों के कम्प्यूटीकरण पर भी विशेष चर्चा हुई, जिससे किसानों को अपनी भूमि संबंधी जानकारी, खसरा नक्शा, ऋण विवरण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ऑनलाइन माध्यम से मिल सकेगा। इस पहल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, जिससे किसानों को सहकारिता आंदोलन का अधिकतम लाभ मिल सके।
सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण विकास को मिलेगी गति
अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत सहकारी समितियों की भूमिका को और मजबूत किया जा रहा है। इस पहल के तहत समितियों को संगठित और सशक्त करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आगामी महीनों में सहकारी समितियों और ग्राम पंचायतों के समन्वय से और भी नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा, जिससे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।
जिला प्रशासन ने किसानों से आग्रह किया कि वे सहकारी समितियों से अधिक से अधिक जुड़ें और योजनाओं का लाभ उठाएं। इस पहल के माध्यम से कृषि क्षेत्र में समृद्धि लाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।



