छत्तीसगढ (बीजापुर) - जिले में दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। उनकी अस्थियां उस स्थान से करीब 50 मीटर दूर बिखरी हुई पाई गईं, जहां उन्हें सुरक्षित रखा गया था। परिजन अस्थि कलश लेने के लिए मुक्तिधाम पहुंचे तो वहां कलश गायब मिला।
मुकेश चंद्राकर की अस्थियों को उनके परिजनों ने अस्थि कलश में सुरक्षित रखा था, जिसे आज कलेश्वरम में अस्थि विसर्जन के लिए ले जाना था। लेकिन जब परिजन मुक्तिधाम पहुंचे तो अस्थि कलश को वहां से गायब पाया। थोड़ी ही दूरी पर कलश टूटा हुआ और अस्थियां मैदान में बिखरी हुई मिलीं। इस घटना ने परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया।
मुकेश चंद्राकर का जीवन पत्रकारिता को समर्पित था। वे सामाजिक मुद्दों और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर थे। बीते 1 जनवरी को सड़क निर्माण में गड़बड़ी की रिपोर्टिंग के चलते उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद अब उनकी अस्थियों के साथ इस तरह का व्यवहार पत्रकारिता और मानवता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
यह घटना न केवल परिवार के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि दिवंगत की गरिमा के साथ भी खिलवाड़ है।

