प्राइवेट स्कूल का चेहरा बेनकाब, पहली कक्षा के बच्चे को रॉड लगे हाथ पर डंडे से वार

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बीजापुर - निजी स्कूल खुद को गुणवत्ता, अनुशासन और आधुनिक शिक्षा का केंद्र बताकर अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं। लेकिन वास्तविकता कई बार इसके ठीक उलट सामने आती है। मद्देड़ में स्थित केरला मॉडल स्कूल भी इसी कटघरे में खड़ा है, जहां पहली कक्षा के छात्र के साथ की गई पिटाई ने निजी शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

छात्र एनोश पेद्दाभोई (कक्षा 1) के पिता ने आरोप लगाया है कि स्कूल संचालक एवं शिक्षक कोण्ड्रा रूपी ने बच्चे को केवल इसलिए डंडे से पीटा क्योंकि उसने होमवर्क समय पर पूरा नहीं किया था। शर्मनाक यह कि जिस हाथ पर लगातार दो प्रहार किए गए, उसमें पहले से रॉड लगी हुई है यह जानकारी शिक्षक को एडमिशन के समय दी जा चुकी थी। बच्चा मार खाते हुए भी बार-बार कहता रहा "सर इस हाथ में मत मारें, लेकिन शिक्षक नहीं रुका।

क्या यही है प्राइवेट स्कूलों की अनुशासन की परिभाषा? फीस के नाम पर परिजनों की जेब खाली और शिक्षा के नाम पर बच्चे के शरीर पर चोट? परिजनों के मुताबिक पिटाई के बाद बच्चे का हाथ सूज गया, रातभर दर्द से कराहता रहा। अब वह स्कूल का नाम सुनते ही भयभीत हो जाता है।

क्या होमवर्क के लिए बच्चे को मारना शिक्षा नीति है? क्या प्राइवेट स्कूल शुल्क वसूलने के जिम्मेदार हैं, बच्चों की सुरक्षा में नहीं? प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए यह सिर्फ एक घटना नहीं, जवाबदेही का आईना है।

भोपालपटनम के खंड शिक्षा अधिकारी विजय कोरम ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आ चुका है। जांच शुरू कर दी गई है और प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। अभिभावकों ने दोषी शिक्षक पर कार्रवाई, विद्यालय की जांच और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई है।


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