बीजापुर - जिले के भोपालपटनम जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत गुन्लापेटा में पूर्व सरपंच सुरेश और सचिव हरि गोपाल पेंदम पर ग्रामीणों ने भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। गांधी जयंती के मौके पर आयोजित ग्राम सभा में ग्रामीणों ने खुलकर कहा था कि कई विकास कार्य धरातल पर नजर ही नहीं आते, लेकिन कागजों में लाखों रुपये खर्च दिखा दिया गया हैं।
10 साल से जर्जर स्कूल, फिर भी ‘रनिंग वाटर’ का भुगतान?
ग्राम पंचायत में एक और खुलासा हुआ है जहां 10 वर्षों से प्राथमिक शाला भवन जर्जर होने की स्थिति में होने से शाला का संचालन किचन सेट में किया जा रहा है मगर सरपंच सचिव ने इस जर्जर शाला भवन पर रनिंग वाटर का कार्य के नाम पर राशि आहरण किया।
मामला है गुन्लापेटा पंचायत के आश्रित ग्राम उल्लूर की इंदिरा कॉलोनी में स्थित प्राथमिक शाला का भवन का, जहां भवन पिछले 10 वर्षों से पूरी तरह जर्जर हालत में है। छत झुका और बारिश में टपकता है, दीवारें टूटी हैं, और बच्चों की पढ़ाई वर्षों से रसोईघर (किचन सेट) में कराई जा रही है।
फिर सवाल उठता है जब स्कूल भवन इस्तेमाल ही नहीं हो रहा, तो उस पर ‘रनिंग वाटर’ का काम कैसे हो गया?
एक लाख बीस हजार का हिसाब कौन देगा?
दस्तावेज बताते हैं कि इस जर्जर शाला भवन में रनिंग वाटर के नाम पर 1,20,000 की राशि सरपंच, सचिव ने वेंडर को भुगतान किया। जब काम हुआ ही नहीं, तो यह राशि वेंडर के खाते में क्यों डाला गया या फिर इन तीनों ने मिलकर इस राशि को बंदरबांट कर दिया? क्या पंचायत सचिव और सरपंच मिलकर मिलीभगत से सरकारी धन की लूट कर रहे है?
जब मौके का निरीक्षण किया, तो तस्वीर बिल्कुल साफ हो गया। प्राथमिक शाला के प्रधानाध्यापक ने बताया कि "शाला भवन में किसी भी प्रकार का रनिंग वाटर का कार्य नहीं किया गया है। पिछले 10 सालों से भवन जर्जर है और 6 वर्षों से बच्चे किचन सेट में पढ़ रहे हैं।"
सरपंच, सचिव ग्राम पंचायत में कर रहे विकास या भ्रष्टाचार?
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत में पिछले कई वर्षों से काम कागजों में पूरा दिखाकर भुगतान निकालना आम बात हो गई है।
जहां सरपंच और सचिव को ग्राम के विकास के लिए कार्य करना है मगर वे खुद ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इस भ्रष्टाचार के खेल को देखने वाला कोई नहीं?
जब तक ऐसे सरपंच और सचिव के व्दारा किये गए भ्रष्टाचार पर जांच कर वसूली की सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक गांव में विकास नहीं, केवल गबन ही होगा।