सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा अधीक्षक? अनुदेशक - चपरासियों की सामूहिक शिकायत, अधीक्षक को हटाने की उठी मांग

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बीजापुर - भोपालपटनम ब्लॉक अंतर्गत पीएम श्री बालक रेसिडेंसियल स्कूल (पोटा केबिन) पेगड़ापल्ली इन दिनों विवादों के भंवर में फंस गया है। सरकार बच्चों की शिक्षा, सुविधा और सुरक्षा को लेकर करोड़ों की योजनाएँ चला रही है, लेकिन पोटा केबिन में पदस्थ अधीक्षक अग्गी कामेश्वर पर लगे गंभीर आरोपों ने पूरी व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

विद्यालय के अनुदेशकों और चपरासियों ने भाजपा मंडल अध्यक्ष को सामूहिक शिकायत पत्र सौंपते हुए अधीक्षक को तत्काल हटाने की मांग की है। कर्मचारियों का आरोप है कि अधीक्षक की लापरवाही और अनुचित व्यवहार से विद्यालय का माहौल बिगड़ चुका है और बच्चों की शिक्षा व भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। उनका कहना है कि जिस उद्देश्य से सरकार ने यह आवासीय विद्यालय खोला है, अधीक्षक की कार्यप्रणाली उस मंशा पर पानी फेर रही है।

शिकायत में अधीक्षक पर प्रशासनिक अक्षमता, बच्चों की देखभाल में लापरवाही और कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार जैसे आरोप लगाए गए हैं। अनुदेशकों का कहना है कि अधीक्षक न तो बच्चों के भोजन और स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं और न ही संस्था संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उदासीन रवैये के चलते संस्था का वातावरण प्रभावित हो रहा है।

इस सामूहिक शिकायत पत्र पर कुल 20 कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं, जिनमें 12 अनुदेशक चंद्रप्रकाश झाड़ी, चिड़ेम कामेश्वर, चिड़ेम संजय, रामचंद्रम गोटे, पोट्टी राम जव्वा, राजना गांदरला, हनुमंत जनगम, लक्ष्मीनारायण टिंगे, दिनेश पूनेम, वासुदेव मोरला, तीरथ पसपुल, सण्ड्रा सुरेंद्र सहित 8 चपरासी वल्वा सुधाकर, गोटे लक्ष्मैया, सुखराम पुनेम, टी. रमेश, राजू कुरसम, वादेश गोटा, संदीप पालदेव और दुर्योधन मेट्टा के नाम शामिल हैं।

कर्मचारियों ने आवेदन के माध्यम से मांग की है कि बच्चों के हित और संस्था की गरिमा बचाने के लिए किसी योग्य, संवेदनशील और सक्रिय अधीक्षक की नियुक्ति की जाए। अब देखना यह है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष और जिम्मेदार विभागीय अधिकारी इस गंभीर शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं।



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