बीजापुर - ढोल-नगाड़ों की गूंज, पारंपरिक पोशाकों में सजे युवक-युवतियां और सड़कों पर दौड़ती सैकड़ों बाइकें, शनिवार को बीजापुर जिला पूरी तरह आदिवासी रंग में रंगा नजर आया। विश्व आदिवासी दिवस पर बीजापुर, भोपालपटनम, आवापल्ली, भैरमगढ़, गंगालूर और केतुलनार में रैली, बाइक मार्च, आमसभा और पारंपरिक नृत्यों के साथ माहौल उत्सवमय हो गया।
इस जश्न के बीच सर्व आदिवासी समाज ने अपने अधिकार और विकास के मुद्दों को भी मजबूती से उठाया। कलेक्टर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बस्तर और आदिवासी समाज के समग्र विकास से जुड़ी 15 से ज्यादा अहम मांगें रखीं।
समाज प्रमुखों ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में किसी भी कानून को लागू करने से पहले जनजातीय सलाहकार परिषद की मंजूरी अनिवार्य हो। आंध्र प्रदेश की तर्ज पर आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री को नियंत्रित करने हेतु भू-हस्तांतरण विनियम लागू किया जाए और भू-माफियाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष कानून बने।
अन्य प्रमुख मांगों में पेसा कानून का नोडल विभाग आदिवासी विकास विभाग को बनाना, गौण खनिजों की बिक्री का अधिकार ग्राम सभाओं को देना, खनन परियोजनाओं के मुनाफे का 25% पंचायतों को देना, प्रभावित परिवारों को अनिवार्य नौकरी, अनुसूचित क्षेत्र प्रशासनिक सेवा का गठन, DMF की राशि सीधे प्रभावित ग्राम सभाओं को हस्तांतरित करना शामिल है।
साथ ही बंद हुए 1,629 स्कूलों को पुनः खोलने, प्राथमिक शिक्षा स्थानीय बोलियों में देने, अवैध घुसपैठियों की जांच, निर्दोष आदिवासियों की हत्या पर रोक और नक्सल उन्मूलन में पारदर्शिता की भी मांग की गई।
कार्यक्रम में भोपापटनम के अशोक मडे, कामेश्वर गौतम, महेंद्र काका, आलम कामेश्वर, सालिक नागवंशी, अनिल पामभोई, भैरमगढ़ से सीताराम मांझी, जग्गूराम तेलामी, शिव पुनेम, सीएस नेताम, भावसिंह भास्कर, रानू सोरी, कुटरू से कुंवर सिंह मज्जी पुरुषोत्तम शाह, बीजापुर से सुखलाल पुजारी, कमलेश पैंकरा, बी.आर. साहनी, बी.आर. अमान, श्रवण सण्ड्रा, अजय दुर्गम, गंगालूर से नरेंद्र हेमला, अमित कोरसा, शंकर कुड़ियम, सुशील हेमला, हरिहर साहनी, मंगल राना, पी.आर. भगत, इग्नानुस तिर्की आवापल्ली (उसूर) के तेलम बोरैया, भीमा कट्टम, मनोज अवलम, चिन्नाराम अंगनपल्ली सहित समाज के प्रमुख पदाधिकारीगण व ग्रामीण मौजूद रहे।

