बीजापुर - जिले के जांगला संकुल अंतर्गत ककाड़ीपारा गांव में शिक्षक विहीन स्कूल की खबर जब अल्फा स्ट्रीम न्यूज पर दिखाई गई, तो उसका व्यापक असर देखने को मिला। स्कूल भवन तो था, बच्चे भी थे, लेकिन शिक्षक नहीं। ऐसे में रसोईया पार्वती कावासी ने जिस समर्पण से पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई, उसने पूरे बस्तर संभाग का ध्यान खींचा।
अल्फा स्ट्रीम न्यूज की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी खुद गांव पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर स्कूल का निरीक्षण किया, बच्चों से बातचीत की और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं।
जहां सिस्टम चुप रहा, वहां समाज जागा, रसोईया बनी गुरु, विधायक ने की सराहना
विधायक मंडावी ने रसोईया पार्वती कावासी के कार्यों को सलाम करते हुए कहा "जहां सरकार की योजनाएं कागजों में सिमट जाएं, वहां आम लोगों का हौसला ही असली शिक्षा व्यवस्था है।"
उन्होंने बच्चों को किताबें, पेंसिल, कॉपियां और अन्य शैक्षणिक सामग्री बांटी। मध्यान्ह भोजन के लिए राशन की व्यवस्था भी विधायक ने स्वयं की। विधायक ने यह भी घोषणा की कि जब तक शासन की ओर से कोई स्थायी आदेश नहीं आता, वे अपनी ओर से पार्वती कावासी को मानदेय देंगे और बच्चों की पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए हर संभव मदद करेंगे।
उम्मीद की एक नई सुबह, ग्रामीणों ने जताया अल्फा स्ट्रीम न्यूज का आभार
विधायक की पहल के बाद गांव में 25 दिनों बाद एक नई ऊर्जा और आशा का संचार हुआ है। ग्रामीणों ने साफ कहा "हमारी 24 दिनों की चुप्पी आज अल्फा स्ट्रीम न्यूज की आवाज से टूटी है। हमारी पीड़ा को किसी ने समझा, दिखाया और जनप्रतिनिधि तक पहुंचाया।"
ग्रामीणों ने न सिर्फ विधायक मंडावी का स्वागत किया, बल्कि अल्फा स्ट्रीम न्यूज की पत्रकारिता को धन्यवाद भी दिया, जिसने सच को जमीन से उठाकर जिम्मेदारों तक पहुंचाया।
यह सिर्फ एक खबर नहीं, व्यवस्था को आईना दिखाने वाली मिसाल है
ककाड़ीपारा की कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं यह उस पूरे तंत्र की सच्चाई है, जहां कई बार व्यवस्था चुप रहती है और समाज उठ खड़ा होता है। यह रिपोर्ट बताती है कि जब पत्रकारिता सवाल पूछती है, तो जवाब देने वालों को मजबूर होना ही पड़ता है।
अल्फा स्ट्रीम न्यूज की यह रिपोर्ट आज बीजापुर की सीमाओं से निकलकर पूरे इलाकों की आवाज बन गई है, जहां बच्चे अभी भी शिक्षा के हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।



