बीजापुर - हर सप्ताह लगने वाला साप्ताहिक बाजार जहां कीचड़, गंदगी और अव्यवस्था बना हुआ है। कीचड़ से भरा बाजार स्थल व्यापारियों की परेशानी बढ़ा रहा है, बल्कि खरीदारी के लिए आने वाले ग्रामीणों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
यहां साप्ताहिक बाजार का मामला ग्राम पंचायत मद्देड़ का है जहां पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च किया गया बस स्टैंड के आसपास लगने वाले बाजार के लिए मगर परिणाम में कीचड़ से भरा हुआ स्थान मिला व्यापारियों और बाजार में खरीदारी करने वाले ग्रामीणों को।
व्यापारियों से टैक्स लेते हैं, सुविधा कुछ नहीं
साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाले व्यापारियों ने खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक दुकान से 30 रूपए टैक्स वसूला जाता है, लेकिन उसके बदले कोई सुविधा नहीं दी जाती। व्यापारी कीचड़ में दुकान लगाने को मजबूर हैं। ग्राहक आते हैं, फिसलते हैं, और फिर लौट जाते हैं।
बाजार में आवश्यक राशन सामान लेने पहुंचने वाले ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। चलने के लिए पक्की या समतल जगह नहीं, चारों ओर कीचड़ और फिसलन। ग्रामीण बाजार जरूरत के सामान लेने को आते हैं, पर यहां कीचड़ में चलना जोखिम भरा हो गया है।
कागजों पर खर्च 2.45 लाख, जमीनी हकीकत जीरो
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पंचायत ने साफ-सफाई और समतलीकरण के नाम पर 2,45,000 रूपए खर्च किया है। दिसम्बर 2024 को समतलीकरण कार्य 89,000 रूपए पुनः दिसम्बर को साफ-सफाई के नाम पर 1,01,000 रूपए और जुलाई 2025 को साफ-सफाई का जिक्र करते हुए 55,000 रूपए, इस तरह बस स्टैंड के आसपास साफ सफाई और समतलीकरण के नाम जिक्र करते हुए कुल 2,45,000 रूपए आहरण किया गया।
इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद बाजार की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ गई है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि यह खर्च सिर्फ कागजों पर दिखाया गया है, जबकि जमीन पर कोई कार्य दिखाई नहीं देता। व्यापारियों और ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत टैक्स तो लेती है लेकिन मूलभूत सुविधाएं देने में असफल रही है। अगर 2.45 लाख का साफ-सफाई कार्य हुआ होता, तो कीचड़ में क्यों खड़े होते?
पूर्व में मद्देड़ के ग्रामवासियों द्वारा लाखों के भ्रष्टाचार संबंध में शिकायत किया गया था जिस पर जांच भी किया गया मगर जांच अधिकारियों पर ही भ्रष्टाचार को छुपाने का आरोप लगाते हुए पुनः जांच करने हेतु पंचायत में बैठक भी कराया गया था।
अब देखना यहां होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कार्रवाई करता है, या फिर मद्देड़ बाजार कीचड़ और अव्यवस्था में यूं ही घुटता रहेगा।




