जब मुस्कुराए बच्चे और गूंजा गांव, अन्नारम में शिक्षा की वापसी

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स्कूली बैग, किताबें और शिक्षण सामग्री पाकर बच्चों के चेहरों पर दिखी मुस्कान


बीजापुर - जिले के अत्यंत दूरस्थ क्षेत्र अन्नारम में शिक्षा की एक नई शुरुआत ने न केवल गांव को बल्कि पूरे बीजापुर जिले को गौरवान्वित कर दिया। वेंडे स्कूल दायकाल अभियान के अंतर्गत कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के मार्गदर्शन और एपीसी श्री जाकिर खान के कुशल नेतृत्व में शिक्षा के उजाले को अंतिम छोर तक पहुँचने का प्रयास किया गया।


विकासखंड भोपालपटनम अंतर्गत संकुल केंद्र चन्दूर में संचालित प्राथमिक शाला अन्नारम में दर्ज 15 बच्चों का आत्मीय स्वागत कर उन्हें वेलकम किट प्रदान की गई। इन किट्स में स्कूली बैग, पठन-पाठन सामग्री, स्टेशनरी आदि शामिल थे, जिससे बच्चों में विद्यालय के प्रति उत्साह और जुड़ाव स्पष्ट रूप से देखने को मिला।

यह आयोजन अन्नारम के लिए एक उत्सव जैसा क्षण रहा। वर्षों बाद शिक्षा की अलख जगते देख ग्रामवासी हर्षित हो उठे। बच्चों के चेहरों पर खिलती मुस्कान ने इस नव प्रयास की सफलता को बखूबी दर्शाया।

जनभागीदारी से बना शिक्षा का मजबूत आधार


कार्यक्रम की विशेष झलक तब देखने को मिली जब ग्राम पंचायत कोत्तूर के सरपंच श्री काका भास्कर ने स्वयं बच्चों को अपने करकमलों से वेलकम किट प्रदान की। यह क्षण बच्चों और ग्रामीणों के लिए अत्यंत भावुक और गर्व का रहा। सरपंच की भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि जब जनप्रतिनिधि स्वयं शिक्षा की पहल में भाग लेते हैं, तो उसका प्रभाव दीर्घकालिक और व्यापक होता है।

विद्यालय परिसर में एक उत्सवमयी माहौल था – बच्चों की मुस्कान, अभिभावकों की संतुष्टि और ग्रामीणों की सहभागिता ने इस आयोजन को एक यादगार अनुभव बना दिया। बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अभिभावक, ग्रामीणजन एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक बनी कि शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन तभी संभव है जब पूरा समुदाय एकजुट होकर आगे बढ़े।

शिक्षा अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति बनी प्रेरणा का स्रोत


इस विशेष अवसर पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री पी. नागेन्द्र कुमार एवं सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री श्रीनिवास एटला की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ दीं। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से कार्यक्रम बेहद प्रभावशाली बन सका।

कार्यक्रम की सफलता में खंड स्त्रोत समन्वयक श्री यालम शंकर, प्राचार्य श्री चंद्रशेखर वासम (स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, तारलागुड़ा) एवं संकुल शैक्षिक समन्वयक श्री के. जी. यादगिरी की सक्रिय भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। इन सभी अधिकारियों की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल विद्यालयों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन की साझा जिम्मेदारी है।


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