सुरक्षाबलों की मानवीय मिसाल, बीमार ग्रामीण की जान बचाकर जीता दिल

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बीजापुर - नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से एक बार फिर सुरक्षाबलों की संवेदनशील और मानवतावादी छवि सामने आई है। ये वर्दीधारी केवल बंदूकें नहीं थामे रहते, बल्कि जरूरत पड़ने पर मसीहा भी बन जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर बसे सुदूर गांव कर्रेगुट्टा के पटेलपारा से सामने आया है, जिसने सभी को भावुक कर दिया।


गांव के एक ग्रामीण की तबीयत अचानक गंभीर रूप से बिगड़ गई। गांव दूरदराज जंगलों के बीच बसा हुआ है और यहां स्वास्थ्य सुविधाएं लगभग ना के बराबर हैं। मरीज की हालत बिगड़ती देख परिजन और ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। ऐसे में उनकी एकमात्र उम्मीद थे पास ही तैनात सुरक्षा बल के जवान।

जवानों ने दिखाई तत्परता, मानवता की दी मिसाल


जैसे ही जवानों को गांव में बीमार व्यक्ति की जानकारी मिली, उन्होंने समय गंवाए बिना मोर्चा संभाला। रास्ते बेहद खराब और जटिल होने के बावजूद जवानों ने तत्काल खाट पर लेटाकर स्वयं जवान मरीज को ट्रैक्टर के जरिए दुर्गम रास्तों से होते हुए अपने कैम्प तक पहुंचाया।

सुरक्षा बलों के कैंप में मौजूद प्राथमिक चिकित्सा सुविधा और जवानों की तत्परता के कारण मरीज को समय पर इलाज मिल सका। अब ग्रामीण की हालत स्थिर और सुरक्षित बताई जा रही है।


इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वर्दी पहनने वाले ये सुरक्षाबल केवल हथियारों से नहीं, बल्कि अपने सेवा भाव और संवेदना से भी लोगों का दिल जीत रहे हैं।  


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