सुकमा-आंध्र सीमा पर घमासान मुठभेड़, नक्सली सेंट्रल कमेटी मेंबर समेत कई बड़े नक्सली ढेर, ग्रे हाउंड की बड़ी कार्रवाई

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सुकमा - जिले की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के मारेडपल्ली के जंगलों में मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ ग्रे हाउंड के विशेष बलों द्वारा चलाए जा रहे एक सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई, जिसमें नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है।

सेंट्रल कमेटी के बड़े नक्सली नेता ढेर, एसपी ने की मुठभेड़ की पुष्टि


मुठभेड़ में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी मेंबर, एओबी स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर, गजरला रवि उर्फ उदय उर्फ गणेश उर्फ बिरुसु,  वेलिशाला गांव चित्याला मंडल, जिला भूपालपल्ली जो 40 लाख का ईनामी मारा गया है। रवि लंबे समय से नक्सली संगठन में सक्रिय था और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है। 



साथ ही गरियाबंद में पहले मारे जा चुके नक्सली नेता चलपती की पत्नी वेंकट रवि लक्ष्मी चैतन्य उर्फ अरुणा उर्फ रुपी 54 वर्ष स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य, एओबी सदस्य, 20 लाख की ईनामी, करकवाणी पालेम, पेंडुर्थी मंडल, जिला विशाखापत्तनम भी इस मुठभेड़ में मारी गई है। अरुणा भी संगठन की एक मजबूत और कट्टर सदस्य थी।

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के पुलिस अधीक्षक अमित बरदार ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है। उनके अनुसार, “सुरक्षाबलों की टीम मारेडपल्ली के जंगलों में तलाशी अभियान चला रही थी, तभी घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में ग्रे हाउंड बलों ने मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया।”

दो से तीन नक्सली मारे गए, ग्रे हाउंड की रणनीति ने नक्सलियों की कमर तोड़ी

अब तक की जानकारी के अनुसार मुठभेड़ में दो से तीन नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मुठभेड़ स्थल पर सघन तलाशी अभियान जारी है। घटनास्थल से नक्सलियों के हथियार, दस्तावेज और सामान भी बरामद किया गया है।

ग्रे हाउंड की यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियानों की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बीते कुछ महीनों से सुरक्षा बलों ने आंध्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सलियों की गतिविधियों को कुचलने के लिए रणनीतिक घेराबंदी तेज कर दी है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सली संगठन के रणनीतिक संचालन में मुख्य भूमिका निभा रहे थे।

इलाके में हाई अलर्ट, अतिरिक्त बल तैनात

मुठभेड़ के बाद इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां जंगल में रवाना की गई हैं, ताकि बच निकले नक्सलियों की तलाश की जा सके। साथ ही, ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।

मारेडपल्ली और सुकमा का यह सीमावर्ती क्षेत्र नक्सलियों का पुराना और मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। घने जंगल, दुर्गम पहाड़ियां और सीमित सड़क संपर्क की वजह से यह क्षेत्र लंबे समय तक नक्सलियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है। हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने यहां आक्रामक रणनीति अपनाई है, जिससे नक्सलियों पर लगातार दबाव बना हुआ है।



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