ग्राम पंचायत की राशि घोटाले पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई, सचिव और सरपंच ने मिलकर उड़ाए 18.42 लाख रुपये, दोनों गिरफ्तार

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15वें वित्त आयोग की पंचायत निधि में गबन, सरकारी योजनाओं को लगा भ्रष्टाचार का ग्रहण


दंतेवाड़ा - जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में ग्राम पंचायत नीलावाया से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पंचायत के तत्कालीन सरपंच और सचिव पर लाखों रुपये के गबन का आरोप साबित होने के बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।

लगातार तीन वर्षों तक की गई वित्तीय अनियमितताएं

ग्राम पंचायत नीलावाया के तत्कालीन सरपंच रमेश कोर्राम एवं सचिव अनोज कुमार मण्डावी द्वारा वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के बीच पंचायत के मूलभूत एवं निर्माण कार्यों में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं की गईं। जांच में पाया गया कि इन वर्षों में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) खाते से 18,42,689.00 (अठारह लाख बयालीस हजार छह सौ नवासी रुपये) का गबन किया गया।

जांच समिति ने उजागर की अनियमितताएं

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दंतेवाड़ा द्वारा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति की जांच रिपोर्ट में पंचायत के कार्यों में धोखाधड़ी, भुगतान अनियमितता, और कार्य निष्पादन में गड़बड़ी पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई हेतु अरनपुर थाना को लिखित आवेदन प्रेषित किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में हुई कार्रवाई

प्राप्त शिकायत और जांच रिपोर्ट के आधार पर अरनपुर थाना में अपराध क्रमांक 08/2025 दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) की धारा 316(2)(4)(5), 318(4), 61(2), 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।

इस मामले में कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री गौरव राय (भा.पु.से.), अति. पुलिस अधीक्षक श्री स्मृतिक राजनाला, श्रीमती पूजा कुमार, श्री आर.के. बर्मन, एवं सुश्री कल्पना वर्मा, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, कुआकोण्डा के निर्देशन में की गई।

एक दिन के अंतराल में दोनों आरोपी गिरफ्तार

23 जून को तत्कालीन सचिव अनोज कुमार मण्डावी (पिता - स्व. भीमाराम मण्डावी, उम्र - 27 वर्ष, निवासी - गोंगपाल स्कूलपारा, थाना कुआकोण्डा) को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 24 जून के  तत्कालीन सरपंच रमेश कोर्राम (पिता - स्व. मुका कोर्राम, उम्र - 50 वर्ष, निवासी नीलावाया पटेलपारा, थाना अरनपुर) को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। अब प्रशासन इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रहा है। संभावना है कि आगे और नाम सामने आ सकते हैं।


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