गर्मी से झुलसा भोपालपटनम, बिजली गायब जीना हुआ दुश्वार
बीजापुर - भोपालपटनम ब्लॉक समेत आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों लोग दोहरी मार झेल रहे हैं, एक तरफ आसमान छूता तापमान और दूसरी तरफ लगातार गायब होती बिजली। 45 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में लोग अपने घरों में बंद होने को मजबूर हैं, लेकिन वहां भी राहत नहीं क्योंकि बिजली की गैरमौजूदगी ने कूलर, पंखे और सभी राहत देने वाले उपकरणों को ठप कर दिया है। यह स्थिति न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को थका रही है।
बिजली विभाग की बेरुखी, शिकायतों पर चुप्पी और समाधान से दूरी
स्थानीय जनता का आरोप है कि बिजली विभाग को कई बार शिकायतें दर्ज करवाई गईं, लेकिन न कोई सुनवाई हो रही है और न ही कोई स्थायी समाधान सामने आया है। विभाग की कार्यशैली में न तो तत्परता है और न ही जमीनी कार्रवाई। शिकायतों का निपटारा केवल कागजों में सीमित रह गया है। इस लापरवाही के कारण आम जनता का भरोसा विभाग से उठता जा रहा है।
तपते घर, बुझते चेहरे,बिजली कटौती ने बिगाड़ा जनजीवन
बिजली की अनियमितता ने आम लोगों के जीवन की लय ही तोड़ दी है। गर्मी से जूझते लोगों के चेहरों पर अब झुंझलाहट और थकावट साफ देखी जा सकती है। बच्चे भी खेल कर लौटने के बाद चैन की सांस नहीं ले पा रहे, बुजुर्गों के लिए यह मौसम किसी सजा से कम नहीं है और मरीजों की हालत तो और भी गंभीर हो रही है। जब न दिन सुकून देते हैं और न रात सुलाती है, तो ऐसे में जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है।
कब आएगी बिजली?’, सवाल वही, जवाब कोई नही
लोग अब इस प्रश्न के साथ जीने के आदी हो गए हैं, ‘बिजली कब आएगी?’ लेकिन इस सवाल का कोई निश्चित जवाब नहीं है। कभी अचानक बिजली चली जाती है और घंटों नहीं आती। विभाग की ओर से कोई सूचना नहीं, न ही कोई जवाबदेही। लोगों को अंदाजा भी नहीं होता कि वे कब तक इंतजार करें। ऐसे में पूरे क्षेत्र में अनिश्चितता और नाराजगी का माहौल व्याप्त है।
अब आश्वासन नहीं, स्थायी समाधान चाहिए
गाँव और शहर के लोग अब केवल विभागीय जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें चाहिए ठोस कदम, स्थायी समाधान और नियमित विद्युत आपूर्ति। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से भी इस मुद्दे पर कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं दिख रहा। अब जनता में यह भावना गहराने लगी है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो बड़ा जनआंदोलन खड़ा हो सकता है।
