महासचिव, सैन्य प्रमुख और 1.5 करोड़ का इनामी था बसवराजू, सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक सफलता
नारायणपुर - अबूझमाड़ के घने जंगलों में छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों ने माओवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को मुठभेड़ में मार गिराया है। इस भीषण मुठभेड़ में कुल 27 माओवादी मारे गए, जिनमें कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। मुठभेड़ की शुरुआत 19 मई को मिली खुफिया सूचना के आधार पर हुई थी और यह अभियान 21 मई की सुबह निर्णायक बना।
तीन दिन तक चला अभियान, अबूझमाड़ में घेरा था पूरा माओवादी कैंप
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि माओवादी संगठन का केंद्रीय नेतृत्व अबूझमाड़ क्षेत्र में मौजूद है। इसके बाद नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्डागांव से डीआरजी की संयुक्त टीमें जंगल में उतारी गईं। 21 मई की सुबह माओवादियों ने घात लगाकर गोलीबारी शुरू की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने रणनीतिक घेराबंदी कर जवाबी कार्रवाई की।
माओवाद की धुरी ढही - बसवराजू था महासचिव, सैन्य आयोग प्रमुख, पोलित ब्यूरो सदस्य
70 वर्षीय बसवराजू, आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले का निवासी था। उसने वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी लेकिन 1970 के दशक में सशस्त्र संघर्ष की राह पकड़ ली। पिछले 35 वर्षों से वह माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य था और 2018 से महासचिव के पद पर कार्यरत था। उसे छापामार युद्ध में विशेषज्ञ माना जाता था।
दंतेवाड़ा, झीरम, गढ़चिरौली जैसे हमलों का मास्टरमाइंड
बसवराजू कई कुख्यात माओवादी हमलों का मास्टरमाइंड रहा। 2010 का दंतेवाड़ा हमला, 2013 का झीरम घाटी नरसंहार, 2018 में अराकू में जनप्रतिनिधियों की हत्या और 2019 का गढ़चिरौली विस्फोट उसके ही इशारों पर अंजाम दिए गए थे।
हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद, एक जवान शहीद
घटनास्थल से बड़ी मात्रा में AK-47, SLR, INSAS, कार्बाइन और भारी गोलाबारूद बरामद हुआ है। मुठभेड़ में एक डीआरजी जवान शहीद हुआ है जबकि अन्य घायल जवानों को त्वरित उपचार प्रदान किया गया और वे खतरे से बाहर हैं।
सुरक्षा बलों द्वारा अब भी पूरे क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है ताकि कोई भी घायल या फरार माओवादी बच न पाए। अधिकारियों के अनुसार, बसवराजू की मौत से माओवादी संगठन को भारी मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक क्षति पहुंची है।

