बीजापुर मुठभेड़ में अम्बेली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड ACM अनिल पूनेम ढेर, 3 हार्डकोर नक्सली मारे गए

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फाइल फोटो 


बीजापुर - जिले के इंद्रावती क्षेत्र के जंगलों में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर निकले सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। शनिवार सुबह से जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अम्बेली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड और माटवाड़ा LOS कमांडर ACM अनिल पूनेम को मार गिराया। उस पर 5 लाख का इनाम घोषित था। इस कार्रवाई में कुल तीन वर्दीधारी माओवादी ढेर किए गए हैं।


संयुक्त ऑपरेशन से मिली कामयाबी


माओवादियों की गतिविधियों की खुफिया सूचना पर DRG बीजापुर व दंतेवाड़ा, STF और कोबरा बटालियन 210 एवं 202 की संयुक्त टीम ने इंद्रावती के जंगलों में शनिवार सुबह 9 बजे माओवादी विरोधी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ रुक-रुक कर जारी रहा, जिसमें सुरक्षा बलों ने साहसिक कार्रवाई करते हुए तीन हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया।


अभियान में बरामद भारी मात्रा में हथियार


मुठभेड़ स्थल से 3 नग 12 बोर राइफल, सिंगल शॉट राइफल, विस्फोटक सामग्री और अन्य माओवादी साहित्य बरामद किया गया है। दो अन्य माओवादियों की पहचान की जा रही है। क्षेत्र में सर्च अभियान अभी भी जारी है।


वरिष्ठ अधिकारियों ने दी जानकारी


बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि "यह मुठभेड़ इंद्रावती क्षेत्र के जंगल-पहाड़ों में हुई और संयुक्त बलों की प्रभावी रणनीति के कारण यह बड़ी सफलता मिली।"


पुलिस महानिरीक्षक (IG) बस्तर रेंज श्री सुंदरराज पी. ने कहा कि "यह ऑपरेशन बस्तर क्षेत्र में चल रहे व्यापक नक्सल विरोधी अभियानों का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में मिली बढ़त को बरकरार रखते हुए 2025 में अब तक बस्तर संभाग में 121 हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया गया है।"


दंतेवाड़ा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री कमलोचन कश्यप, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव एवं दंतेवाड़ा एसपी श्री गौरव राय ने संयुक्त बयान में कहा कि "सरकार की मंशा और जनता की अपेक्षा के अनुरूप सुरक्षाबल नक्सलवाद के खात्मे और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।"


बीजापुर जिले में वर्ष 2025 के पहले 102 दिनों में कुल 86 माओवादी मारे जा चुके हैं, 173 गिरफ्तार हुए हैं और 179 ने आत्मसमर्पण किया है। इस क्षेत्र में चल रहे माओवादी विरोधी अभियानों के सफल संचालन से यह स्पष्ट है कि सुरक्षाबलों का मनोबल ऊंचा है और वे बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए कटिबद्ध हैं।




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