आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर धरना, रैली, और सौंपा ज्ञापन

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बीजापुर - छत्तीसगढ़ प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने टीएचआर वितरण की वर्तमान प्रणाली में आ रही व्यवहारिक समस्याओं एवं अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।




प्रदर्शन सांस्कृतिक भवन, इंदिरा मार्केट, बीजापुर में आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के बाद, आंगनबाड़ी संघ की जिला अध्यक्ष रेहाना खान के नेतृत्व में कलेक्टर के माध्यम से केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी (महिला एवं बाल विकास विभाग, भारत सरकार) और राज्य मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े (महिला एवं बाल विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन) को ज्ञापन सौंपा गया।


टीएचआर वितरण में आ रहीं व्यवहारिक समस्याएँ




रेहाना खान ने बताया कि वर्तमान में टीएचआर वितरण की प्रणाली को नए वर्जन के आधार पर संचालित किया जा रहा है, जिसमें हितग्राहियों को आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करना आवश्यक है। इस प्रक्रिया में कई व्यवहारिक समस्याएँ सामने आ रही हैं, जिससे टीएचआर वितरण प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था में निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं:-


🔴 परिवार का एक ही व्यक्ति टीएचआर प्राप्त कर सकता है – वर्तमान व्यवस्था के अनुसार हर माह केवल एक ही व्यक्ति टीएचआर प्राप्त कर सकता है, जिससे अन्य परिजन इसे लेने में असमर्थ हो जाते हैं।


🔴 हितग्राही ओटीपी साझा करने में असहज हैं – कई हितग्राही ओटीपी प्राप्त करने और साझा करने से इनकार कर देते हैं, जिससे वे टीएचआर से वंचित रह जाते हैं।


🔴 मोबाइल उपलब्धता की समस्या – कई हितग्राहियों के पास मोबाइल नहीं होता या घर में एक ही मोबाइल होने के कारण वह किसी अन्य सदस्य के पास होता है, जिससे वे ओटीपी प्राप्त नहीं कर पाते।


🔴 नेटवर्क और सर्वर की समस्या – कई क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है, जिससे ओटीपी लोड करने और टीएचआर वितरण में कठिनाई हो रही है।


🔴 कार्यकर्ताओं के मोबाइल में तकनीकी समस्या – विभाग द्वारा प्रदत्त मोबाइल में यह कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए कम से कम 5 जीबी डेटा की आवश्यकता होती है।


🔴 संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित – बस्तर संभाग के कई अतिसंवेदनशील इलाकों में मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित है, जिससे कार्यकर्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


🔴 मानदेय कटौती का खतरा – पोषण ट्रैकर में फोटो कैप्चर की अनिवार्यता एवं अन्य सख्त नियमों के कारण कई बार मानदेय में कटौती की जाती है, जो अन्यायपूर्ण है।


🔴 ऑफ़लाइन व्यवस्था की मांग – पोषण ट्रैकर पर एफआरएस फोटो कैप्चर की अनिवार्यता के कारण पोषण आहार वितरण प्रभावित हो रहा है। ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में इसे ऑफलाइन करने की मांग की गई।


🔴 मोबाइल रिचार्ज भत्ता – कार्यकर्ताओं को दिए गए मोबाइल फोन के लिए प्रति माह ₹500 रिचार्ज भत्ता प्रदान करने की मांग की गई।


संघ ने रखे समाधान के सुझाव




संघ ने प्रशासन से अनुरोध किया कि टीएचआर वितरण का कार्य किसी अन्य एजेंसी या संस्था के माध्यम से किया जाए, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता ली जाए। इससे वे अन्य विभागीय कार्यों पर बेहतर ध्यान दे सकेंगी और मानदेय कटौती जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से आग्रह किया कि उनकी स्थानीय समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनाई जाएँ, ताकि कार्यों को सुचारू रूप से संपादित किया जा सके। इस धरना प्रदर्शन के दौरान लगभग 1100 कार्यकर्ताओं और 2200 से अधिक सहायिकाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज़ बुलंद की।


संघ ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी माँगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे आगे भी बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।




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