कोण्डागांव - छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी नक्सल उन्मूलन नीति और सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों का प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में आज कोण्डागांव में एक लाख के इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर तथा पुलिस और प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर राजमन होड़ी पिता जगदेव होड़ी, उम्र 36 वर्ष, निवासी ग्राम बेड़मा, थाना पुंगारपाल, जिला कोण्डागांव (छ.ग.) ने आज 17 मार्च को पुलिस अधीक्षक श्री वाय अक्षय कुमार (भा.पु.से.) तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सलियों में बढ़ रहा भय
नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में भय का माहौल बन गया है। इसी कारण कई नक्सली अब संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इस आत्मसमर्पण के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) श्री रूपेश कुमार डांडे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कौशलेन्द्र कुमार पटेल, उप पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) श्री सतीश भार्गव तथा उप पुलिस अधीक्षक (डीआरजी/बस्तर फाइटर्स) श्री कांषीराम मरकाम भी मौजूद रहे।
2014 में बना था मिलिशिया सदस्य, कई घटनाओं में रहा शामिल
आत्मसमर्पण करने वाला राजमन होड़ी वर्ष 2014 में बेड़मा पंचायत मिलिशिया सदस्य के रूप में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। वर्ष 2018 तक इसी पद पर कार्य करने के बाद उसे बारसूर एरिया कमेटी अंतर्गत बारसूर एलओएस पार्टी सदस्य बनाया गया। इसके बाद से वह कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रहा और कई नक्सली वारदातों में शामिल रहा। आत्मसमर्पण के बाद 25 हजार की प्रोत्साहन राशि, पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी
छत्तीसगढ़ शासन की "नक्सलवाद उन्मूलन नीति" के तहत राजमन होड़ी को आत्मसमर्पण करने के बाद प्रोत्साहन राशि के रूप में 25,000 रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, शासन की पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं भी उसे प्रदान करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
अपराधिक इतिहास - कई संगीन मामलों में था शामिल
राजमन होड़ी के खिलाफ विभिन्न थानों में कई संगीन अपराध दर्ज हैं। वह हत्या, अपहरण, लूट, आगजनी और पुलिस पर हमले जैसी गंभीर घटनाओं में शामिल रहा है।
♦️ थाना मर्दापाल (2012) - हत्या के प्रयास, अवैध हथियार कानून और यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज।
♦️ थाना मर्दापाल (2014) - हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार कानून, यूएपीए एक्ट के तहत संगीन आरोप।
♦️ थाना मर्दापाल (2021) - अपहरण, डकैती, जान से मारने की धमकी, हथियार कानून व यूएपीए एक्ट के तहत मामला।
♦️ थाना पुंगारपाल (2023) - हत्या, अपहरण, साजिश, आर्म्स एक्ट व यूएपीए के तहत मामला दर्ज।
बस्तर रेंज में पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक उत्तर बस्तर रेंज कांकेर श्री विनोद तुकाराम कांबले और पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव श्री वाय अक्षय कुमार (भा.पु.से.) के नेतृत्व में नक्सल विरोधी अभियान लगातार चलाए जा रहे हैं। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सिविक एक्शन कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का प्रचार किया जा रहा है, जिसके कारण नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए पुलिस और सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के साथ सुरक्षित जीवन प्रदान किया जा रहा है।

