बीजापुर - बिजली विभाग की "कहानी वही, किरदार वही, लापरवाही वही" वाली नीति ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जान-माल की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में नहीं है। ग्राम पंचायत रुद्रारम में यह तीसरी घटना है, जिसमें बिजली विभाग की लापरवाही का शिकार बेजुबान जानवर हुए हैं।
इस बार हादसा रुद्रारम से लगे ग्राम कुचनूर में हुआ, जहां बिजली खम्भों के सपोर्टिंग तारों में 1 मीटर तक करंट दौड़ रहा था। इस करंट की चपेट में आकर दो बकरियों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई।
19 मार्च को हुई गाय की मौत से भी नहीं जागा प्रशासन!
ऐसी ही लापरवाही 19 मार्च को भी सामने आई थी, जब ग्राम बोरगुड़ा में झूलते बिजली के तारों के कारण एक गाय की करंट लगने से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने पहले ही 18 मार्च को विभाग को सूचित कर दिया था, लेकिन अधिकारियों ने इसे हल्के में लिया।
जब जे ई युवराज सोनी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने अपनी पुरानी स्टाइल में जवाब दिया।
"जानकारी अभी मिली है, टीम के साथ जा रहे हैं। वस्तुस्थिति देखने के बाद ही कुछ बता पाएंगे कि क्या कारण हो सकता है करंट लगने का।"
- युवराज सोनी (जे ई), भोपालपटनम
यानी, जब मौत हो चुकी, तब विभाग पहुंच रहा है "जांच" करने!
प्रशासन कब जागेगा? या फिर अगला हादसा इंतजार कर रहा है?
अब सवाल यह उठता है कि क्या बिजली विभाग इसी तरह कुंभकर्णी नींद में सोता रहेगा, या फिर किसी इंसान की मौत होने पर ही प्रशासन की आंख खुलेगी? बिजली विभाग की ये "झटकेदार" लापरवाही कब खत्म होगी? या फिर अगली खबर में किसी और मासूम की मौत का जिक्र होगा?





