सेंट्रल रीजनल ब्यूरो की प्रेस टीम इंचार्ज, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना स्टेट में 45 लाख इनामी महिला नक्सली ढेर

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दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, दो घंटे की मुठभेड़ में ढेर हुई गुम्माडिवेली रेणुका



दंतेवाड़ा - छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सरकार द्वारा कुल 45 लाख की इनामी नक्सली तथा सेंट्रल रीजनल ब्यूरो की प्रेस टीम इंचार्ज और प्रभात पत्रिका की संपादक गुम्माडिवेली रेणुका उर्फ भानु उर्फ चैते उर्फ सरस्वती उर्फ दमयंती को दंतेवाड़ा डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया।


रेणुका पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 लाख और तेलंगाना सरकार ने 20 लाख का इनाम घोषित किया था। वह 1996 से नक्सल संगठन में सक्रिय थी और संगठन की प्रचार एवं प्रकाशन गतिविधियों की प्रमुख संचालक थी।


जंगलों में चला सर्च ऑपरेशन, दो घंटे तक चली मुठभेड़



दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि "30 मार्च 2025 को सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि नक्सल संगठन के शीर्ष कैडर ग्राम नेलगोड़ा, इकेली और बेलनार के जंगलों में मौजूद हैं। इसके बाद डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की टीम को सर्च अभियान पर भेजा गया। 31 मार्च की सुबह करीब 9 बजे सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जो करीब दो घंटे तक चली। गोलीबारी बंद होने के बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया और एक महिला नक्सली का शव बरामद किया।"


रेणुका - नक्सल संगठन की प्रचार प्रमुख, 29 साल से सक्रिय



मारी गई महिला नक्सली की पहचान गुम्माडिवेली रेणुका के रूप में हुई। वह नक्सल संगठन के प्रचार विभाग की प्रमुख सदस्य थी और प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग, पीपुल्स मार्च, पोडियारो पोल्लो, झंकार, संघर्षरत महिला, पितुरी, मिडंगुर और भूमकाल संदेश जैसी पत्रिकाओं के मुद्रण और प्रकाशन की जिम्मेदारी संभालती थी।



रेणुका ने 1996 में नक्सल संगठन जॉइन किया था। उसने पहले आंध्र प्रदेश के एसजेडसीएम कृष्ण अन्ना के साथ काम किया और 2003 में डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVCM) बनी। इसके बाद, 2006 में दक्षिण बस्तर में सीसीएम दुला दादा उर्फ आनंद के साथ कार्य किया। 2013 में वह माड़ क्षेत्र में एसजेडसीएम रमन्ना के साथ सक्रिय रही। रमन्ना की कोरोना से मृत्यु के बाद 2020 में उसे डीकेएसजेडसीएम बनाकर सेंट्रल रीजनल ब्यूरो (CRB) की प्रेस टीम का प्रमुख बनाया गया।


परिवार का नक्सल कनेक्शन, भाई और पति भी माओवादी



रेणुका के भाई जीवीके प्रसाद उर्फ सुखदेव उर्फ गुड़सा उसेंडी ने 2014 में तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया था। 2005 में उसकी शादी सेन्ट्रल कमेटी मेंबर शंकामुरी अप्पाराव उर्फ रवि से हुई थी। रवि 2010 में आंध्र प्रदेश के नल्लामल्ला मुठभेड़ में मारा गया था।


मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने एक इंसास रायफल, मैगजीन, गोला-बारूद, लैपटॉप, नक्सली साहित्य और अन्य दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद की।



बस्तर के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि "2025 के शुरुआती 92 दिनों में अब तक 119 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। सरकार की नीति और जनता की इच्छा के अनुसार सुरक्षाबल नक्सलियों के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"


डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और अन्य बलों के लगातार ऑपरेशन के चलते माओवादियों के पास अब आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।



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