बिलासपुर - बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दावा किया कि महिला को गलत इंजेक्शन लगाया गया, जिससे गर्भस्थ शिशु की मृत्यु हो गई। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से इनकार करते हुए मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र के करगी खुर्द की रहने वाली गिरजा साहू पांच माह की गर्भवती थी। शनिवार को उसे तेज पेट दर्द और ब्लीडिंग की शिकायत हुई, जिसके बाद परिजनों ने उसे कोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सिम्स मेडिकल कॉलेज, बिलासपुर रेफर कर दिया।
परिजनों का आरोप – गलत इंजेक्शन से हुआ गर्भपात
गिरजा साहू के परिजनों का कहना है कि सिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने लापरवाही की। महिला को किसी अन्य मरीज का इंजेक्शन लगा दिया गया, जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई और अंततः उसका गर्भपात हो गया। इस घटना से परिजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने सिम्स प्रशासन से डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना को लेकर सिम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बयान जारी किया। उनका कहना है कि महिला को उसकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही इलाज दिया गया। अगर सही समय पर उपचार नहीं होता, तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। हालांकि, परिजनों के आरोपों के मद्देनजर मामले की जांच की जाएगी, और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों में आक्रोश, कड़ी कार्रवाई की मांग
गर्भवती महिला के गर्भपात के बाद परिवार सदमे में है और उन्होंने सिम्स प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले को लेकर अस्पताल में हंगामा भी हुआ।
इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा लापरवाही को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर जांच में लापरवाही साबित होती है, तो क्या सिम्स प्रबंधन दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करेगा? यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।

