महिला नक्सलियों समेत 9 माओवादियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, पुनर्वास योजना के तहत मिलेगा लाभ
सुकमा - जिले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पीएलजीए बटालियन नंबर 01 और जगरगुंडा एरिया कमेटी से जुड़े 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें आधा दर्जन महिला नक्सली भी शामिल हैं। इन सभी नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वे कई गंभीर नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और एएसपी (नक्सल) उमेश गुप्ता के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। पुलिस अधिकारियों ने इस आत्मसमर्पण को जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की बड़ी सफलता बताया है।
बाहरी नक्सलियों के भेदभावपूर्ण रवैये और अत्याचार से थे परेशान
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि वे लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े थे, लेकिन बाहरी नक्सलियों के भेदभावपूर्ण रवैये और संगठन के भीतर बढ़ते अत्याचार से वे परेशान थे। उनके साथ अन्याय और दुर्व्यवहार किया जा रहा था, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता जा रहा था।
इसके अलावा, सरकार द्वारा चलाए जा रहे "पूना नर्कोम अभियान" ने भी उनके सोचने के नजरिए को बदला। इस अभियान के तहत पुलिस और प्रशासन स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। पुनर्वास नीति और आत्मसमर्पण करने वालों के प्रति पुलिस के सकारात्मक रवैये को देखकर उन्होंने हथियार डालने का फैसला किया।
कई नक्सली वारदातों में रहे हैं शामिल
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पहले सुरक्षाबलों पर हमले, आईईडी ब्लास्ट, लूट, हत्या और अन्य कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी, लेकिन सरकार की आत्मसमर्पण नीति और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।
पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी आवश्यक सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया है। उन्हें सुरक्षा, पुनर्वास, रोजगार और मुख्यधारा में लौटने के लिए आवश्यक सहायता दी जाएगी।


