बीजापुर - जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। गंगालूर थाना क्षेत्र के तोड़का-कोरचोली जंगल में हुई भीषण मुठभेड़ में 8 पुरुष माओवादी ढेर कर दिए गए हैं। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बड़े कैंप को ध्वस्त कर INSAS राइफल, 12 बोर बंदूक, BGL लॉन्चर समेत भारी मात्रा में हथियार और नक्सली सामग्री जब्त की है।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 31 जनवरी 2025 को खुफिया इनपुट मिला था कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन पश्चिम बस्तर डिवीजन के DVCM दिनेश, PLGA कंपनी नंबर 2, PLGA प्लाटून और मिलिशिया कंपनी के सशस्त्र कैडर तोड़का-कोरचोली जंगल क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), STF (स्पेशल टास्क फोर्स), कोबरा 202 और CRPF की 222वीं बटालियन की संयुक्त टीम को नक्सल विरोधी अभियान के लिए भेजा गया।
01 फरवरी की सुबह 8:30 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ। सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर कई घंटे तक मुठभेड़ चली। जब नक्सलियों की ओर से गोलाबारी बंद हुई, तब सुरक्षाबलों ने इलाके में सघन सर्च ऑपरेशन चलाया। अब तक 8 माओवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनकी शिनाख्त की जा रही है।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ स्थल से INSAS रायफल, 12 बोर रायफल, BGL लॉन्चर समेत भारी मात्रा में हथियार और नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए हैं। यह ऑपरेशन नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
सुरक्षा बलों को मामूली नुकसान, जवानों की हालत सामान्य
इस मुठभेड़ में 2 DRG जवानों को मामूली चोटें आईं, लेकिन उनकी हालत सामान्य और खतरे से बाहर है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि मुठभेड़ में और भी नक्सली मारे गए या घायल हुए हैं। इलाके में Re-enforcement टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
तोड़का-कोरचोली जंगल में हुई इस मुठभेड़ से नक्सलियों को करारा झटका लगा है। सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और सघन ऑपरेशनों के चलते बस्तर में नक्सलियों की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है। आने वाले दिनों में सुरक्षाबलों की इसी आक्रामक रणनीति से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा संभव है।



