आदिवासी वीरों को श्रद्धांजलि देने 10 फरवरी को मनाया जाएगा भैरमगढ़ में भूमकाल दिवस

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बीजापुर - बस्तर के वीर आदिवासी नायकों के बलिदान और संघर्ष को याद करते हुए इस वर्ष भी भूमकाल दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक भैरमगढ़ में आयोजित की गई, जिसमें आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई।


सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने बताया कि भूमकाल आंदोलन आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ छेड़ा गया था, जिसमें बस्तर के वीर नायकों ने पारंपरिक हथियारों से अंग्रेजों के गोला-बारूद का सामना किया। उन्होंने अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए बलिदान दिया, जिसे आज भी गर्व से याद किया जाता है।


भूमकाल दिवस को भैरमगढ़ नगर में सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक इकाई भैरमगढ़ के संयोजन में भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस दौरान एक विशाल आम सभा और रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे।


कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर सामाजिक भवन भैरमगढ़ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आयोजन की रूपरेखा तय की गई। साथ ही, इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को सूचना देकर अनुमति प्राप्त कर ली गई है।


इस बैठक में सर्व आदिवासी समाज के कई प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए, जिनमें ब्लॉक अध्यक्ष सीताराम मांझी, सीएस नेताम, भाव सिंह भास्कर, मोटु वटटी, बना फरसा, अर्जुन उरसा, सोनारु पोयाम, विनिता बघेल, सुहागा तारम, रमीला हपका और सोनकु तेलाम आदि मौजूद रहे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए और एकजुट होकर आयोजन को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।


भूमकाल दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के संघर्ष और शौर्य की अमर गाथा है। यह दिन न केवल वीर नायकों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, बल्कि आदिवासी समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रेरणा भी देता है। 10 फरवरी को आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोगों के शामिल होने की संभावना है।



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