भोपालपटनम में अवैध शराब के कोचियों का आतंक, आबकारी विभाग और पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल

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बीजापुर – अवैध शराब का कारोबार बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक में गंभीर चुनौती बन गया है। गांव-गांव में खुलेआम बिक रही अवैध शराब ने न केवल युवाओं को नशे की गिरफ्त में ले लिया है, बल्कि बुजुर्ग और बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय कर दिया है। ग्राम गोटाईगुडा (लोहारपारा) में यह समस्या विशेष रूप से चिंता का विषय बन चुकी है, जहां आबकारी विभाग और पुलिस की निष्क्रियता ने हालात और खराब कर दिए हैं।


सतेंन्द्र का दर्द और बिगड़ता भविष्य

ग्राम गोटाईगुडा (लोहारपारा) के निवासी सत्येंद्र दानम ने अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ लंबे समय से आवाज उठाई है उनका कहना है कि 18 अक्टूबर 2024 को तहसीलदार भोपालपटनम, जिला कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक बीजापुर और पुलिस थाना भोपालपटनम को लिखित शिकायत आवेदन दी थी लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 

अवैध शराब ने गांव के युवाओं और बुजुर्गों को बीमारियों और नशे की लत में धकेल दिया है। मेरा छोटा भाई भी पिछले आठ वर्षों से शराब के नशे का शिकार है, जिसके कारण उसे वारंगल के डी-एडिक्शन सेंटर में भर्ती कराना पड़ा। शराब की वजह से गांव में लिवर और किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिसके चलते कई लोगों की मौत हो चुकी है।


भोपालपटनम ब्लॉक, अवैध शराब का गढ़

भोपालपटनम ब्लॉक में अवैध शराब की बिक्री अब कोई छिपा मुद्दा नहीं है। अवैध शराब बिक्री और शराब प्रेमियों के लिए शराब सुलभ कराने का यह काम अप्रत्यक्ष तौर पर आबकारी विभाग द्वारा किया जा रहा है। कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है, जिससे अवैध शराब बेचने वालों का मनोबल बढ़ा हुआ है।

गांवों में शराब आसानी से उपलब्ध होने के कारण युवा वर्ग तेजी से नशे की लत में फंसता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां शिक्षा और रोजगार पहले से ही सीमित हैं, नशे का यह जाल एक पूरे समाज को खोखला कर रहा है।


सोशल मीडिया पर आवाज, लेकिन प्रशासन मौन


सत्येंद्र दानम ने पिछले दो-ढाई महीनों से सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उजागर करने के लिए लगातार प्रयास किया है। व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वह अवैध शराब के दुष्प्रभाव और प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ लिख रहे हैं लेकिन उनकी आवाज को अनसुना किया जा रहा है।


क्या प्रशासन जागेगा?

अवैध शराब की बिक्री और नशे की लत से जूझते ग्रामीणों का भविष्य अधर में है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए ठोस कदम उठाएगा, या ग्रामीणों को खुद अपने बच्चों और समाज को बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा?

स्थिति गंभीर है और अगर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई तो यह न केवल गोटाईगुडा बल्कि पूरे भोपालपटनम ब्लॉक के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।




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