बीजापुर - जिला पंचायत के पूर्व सदस्य बसंत राव ताटी पर गिरिजा शंकर तामड़ी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी हार के बाद ताटी बौखलाहट में हैं और अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए मुझ पर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाने का घृणित प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समाजसेवी अजय सिंह से सीधे युद्ध नहीं कर सकते तो मेरे नाम का सहारा लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। तामड़ी ने सरस्वती शिशु मंदिर के मुद्दे पर भी ताटी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ताटी कई वर्षों तक इस विद्यालय में व्यवस्थापक पद पर रहे और उस पद का लाभ भी उठाया। उनके अपने बच्चे भी इसी विद्यालय से पढ़ाई कर चुके हैं। ऐसे में आज उसी विद्यालय पर सवाल उठाना “जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना” जैसी कहावत को चरितार्थ करता है।
गिरिजा शंकर तामड़ी ने आगे बताया कि बसंत राव ताटी ने सड़क निर्माण के नाम पर एक गरीब, पिछड़े, आदिवासी और अनाथ परिवार की उपजाऊ जमीन को दो वर्षों तक खेती योग्य नहीं रहने दिया। सड़क बनाने से पहले वादा किया गया था कि पूरे खेत की बाड़ी बनाई जाएगी, लेकिन निर्माण पूरा होते ही उस परिवार को दर-दर भटकने पर मजबूर कर दिया गया।
जब पीड़ित परिवार ने तहसीलदार को शिकायत दी, तब ताटी स्वयं उनके घर पहुंचे और आवेदन वापस लेने के बदले तीन बंडल फेंसिंग तार व 4,000 रुपये नगद दिए। परिवार ने अपनी मेहनत से 30,000 रुपये खर्च कर बाड़ी तैयार की, लेकिन दो वर्षों की फसल का नुकसान उन्हें कभी नहीं मिला।
तामड़ी ने कहा कि महाराष्ट्र से आए व्यापारी परिवारों के साथ रह रहे मूलनिवासियों को अतिक्रमणकारी कहना ताटी की सोच को दर्शाता है। गुन्लापेटा पोलिंग बूथ पर हार और मत न मिलने के कारण ताटी अब बदले की भावना से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 'ईश्वर ताटी को सद्बुद्धि दें और अजय सिंह को सच के लिए लड़ने की ताकत दें।'

