नल जल योजना में घोटाला! करोड़ों खर्च, फिर भी सूखे नल
बीजापुर - केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी "जल जीवन मिशन" योजना का उद्देश्य था कि देश के हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचे, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत चेरपल्ली इसका जीवंत उदाहरण बन गया है, जहां लाखों रुपये की लागत से बिछाई गई पाइपलाइन के बावजूद ग्रामीण आज भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।
पाइपलाइन बिछी, लेकिन पानी कहां? लाखों खर्च हुए फिर भी सूखा!
ग्राम चेरपल्ली के वासमपारा, पटेलपारा और तालाबपारा में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। यहां के सरपंच महोदया श्रीमती स्वर्णा वासम ने बताया कि नल तो लगाए गए हैं, लेकिन इनमें आज तक एक बूंद पानी तक नहीं आया। योजनाओं पर भारी भरकम बजट खर्च किया गया है, लेकिन नतीजा शून्य है। पाइपलाइन बिछी, नल लगाए गए, टेंडर भी पूरे हुए और भुगतान भी कर दिया गया - फिर सवाल यह उठता है कि पानी कहां है?
पूर्व शिकायतें भी रहीं अनसुनी
पूर्व में भी नियद नेल्लनार योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सण्ड्रापल्ली में शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें ग्रामीणों ने नल में पानी नहीं आने के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन अधिकारियों ने ना ही जांच की और ना ही समस्या का समाधान निकाला।
अधिकारियों की लापरवाही, ठेकेदार की मनमानी
इस मुद्दे पर जब उप अभियंता डी.के. बंजारे से सवाल किया गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया।
सवाल यह है कि यदि कार्य पूर्ण हो चुका था, तो अब नए सिरे से सेक्शन और सोलर लगाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? क्या पहले का कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किया गया था?
सरकार की योजनाएं कागज़ों तक सीमित?
इस पूरे मामले ने सरकारी योजनाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर सरकार दावा करती है कि हर घर तक नल से जल पहुंचाना प्राथमिकता है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी यदि ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है, तो यह स्पष्ट है कि योजना कागज़ों पर ही सफल हो रही है।
क्या होगी कार्रवाई या फिर रफ्तार पकड़ेगा भ्रष्टाचार?
ग्रामीणों की उम्मीद अब प्रशासन पर टिकी है। वे चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द पानी की समस्या का समाधान निकाला जाए। सवाल यह है कि क्या सरकार ठोस कदम उठाएगी या फिर यह योजना भी अन्य योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाएगी?



