बीजापुर - आदिवासी समुदाय के बीच एकता, आपसी समझ और समावेशिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीआरपीएफ (196 बटालियन) द्वारा आयोजित ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में भाग लेकर लौटे युवक-युवतियों ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम से लौटने के बाद इन युवाओं ने सीआरपीएफ 196 वाहिनी मुख्यालय बीजापुर में कमांडेंट कुमार मनीष से मुलाकात की और इस अनूठे अनुभव के बारे में विस्तार से बताया।
“ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के दौरान आपने जो अनुभव प्राप्त किया है, उसे अपने साथियों के साथ जरूर साझा करें और उन्हें भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यह पहल न केवल आपको नए अवसरों से जोड़ती है, बल्कि आपकी सोच और दृष्टिकोण को भी व्यापक बनाती है।”। - कमांडेंट कुमार मनीष
नोएडा में मिला विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत अनुभव
आईजीपी सीआरपीएफ राकेश अग्रवाल, डीजीपी डी.एस. नेगी के निर्देशन और कमांडेंट कुमार मनीष के नेतृत्व में 196 बटालियन से 39 आदिवासी युवक-युवतियों को नेहरू युवा केंद्र के सहयोग से आयोजित 16वें ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम (2024-25) में भाग लेने के लिए 02 मार्च 2025 को गौतम बुद्धनगर, नोएडा के लिए रवाना किया गया था।
यह कार्यक्रम 2 मार्च से 8 मार्च 2025 तक चला, जिसमें देशभर के विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों के युवा शामिल हुए। इस दौरान युवक-युवतियों ने लाल किला, इंडिया गेट, प्रधानमंत्री संग्रहालय और दिल्ली मेट्रो जैसे ऐतिहासिक व आधुनिक स्थलों का भ्रमण किया। इसके अलावा, उन्हें कई गणमान्य व्यक्तियों से मिलने और उनकी प्रेरणादायक कहानियां सुनने का अवसर मिला।
संस्कृति और शिक्षा के संगम से बढ़ी जागरूकता
ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें भाग लेने वाले युवाओं ने अपने पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों की प्रस्तुति दी। इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया।
बीजापुर लौटने पर 10 मार्च 2025 को सीआरपीएफ कैंप परिसर में युवाओं के स्वागत के लिए भोजन और जलपान की विशेष व्यवस्था की गई। इस दौरान अधिकारियों और जवानों ने युवाओं के अनुभवों को सुना और उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
सीआरपीएफ की पहल से आदिवासी युवाओं के भविष्य को नई दिशा
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के युवाओं को देश के अन्य हिस्सों की संस्कृति, परंपराओं और विकास कार्यों से परिचित कराना है। इससे उनमें राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ने की भावना विकसित होगी और वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकेंगे।
196 बटालियन सीआरपीएफ का यह प्रयास न केवल आदिवासी युवक-युवतियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उनके जीवन में नए अवसरों को खोजने की प्रेरणा भी देता है।
इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी गोपाल सिंह बुनकर, उप कमांडेंट गुलशन तिर्की, सहायक कमांडेंट जगदीप शिरिष सहित कई अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।
इस तरह, ट्राइबल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम ने आदिवासी युवाओं को देश की सांस्कृतिक विविधता से रूबरू कराने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया, जिससे वे अपने भविष्य को लेकर और अधिक प्रेरित और जागरूक हुए।




